
राजस्थान के कृषि मंत्री और सवाई माधोपुर विधायक डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने इस बार अपना 74वां जन्मदिन पूरी सादगी और आध्यात्मिक वातावरण में मनाया। उन्होंने सवाई माधोपुर में संतों का आशीर्वाद लिया और कई विकास कार्यों का शिलान्यास करते हुए जनसेवा के नए संकल्प लिए।
जयपुर हादसे पर शोक, नहीं मनाया उत्सव
डॉ. मीणा ने कहा कि जयपुर में हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। उन्होंने कहा, “आज खुशी मनाने का नहीं, बल्कि आत्मचिंतन और संवेदना व्यक्त करने का समय है।” मंत्री मीणा ने दिवंगत आत्माओं के प्रति गहरी श्रद्धांजलि अर्पित की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई। इसी कारण उन्होंने अपना जन्मदिन बिना किसी समारोह, माला या स्वागत के मनाया। उन्होंने अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं से भी आग्रह किया कि वे उत्सव की जगह सेवा और सादगी को प्राथमिकता दें।
गौशाला में सेवा और संतों से आशीर्वाद
जन्मदिन के अवसर पर मंत्री मीणा ने भैरु दरवाजा स्थित राधा कृष्ण गौशाला में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के समापन कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय शाहपुरा पीठ के संत हरिराम जी शास्त्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा के समापन पर डॉ. मीणा ने स्वयं श्रीमद्भागवत को सिर पर धारण कर पूर्णाहुति स्थल तक पहुंचाया और धार्मिक अनुष्ठान में शामिल हुए।
संतों के आग्रह पर उन्होंने पुराने शहर स्थित रामद्वारा में सामुदायिक भवन के निर्माण और विकास के लिए 25 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि धर्म और समाज के उत्थान में योगदान देना ही उनके जीवन का वास्तविक उद्देश्य है।
विकास कार्यों का शिलान्यास और सनातन मूल्यों पर जोर
अपने दौरे के दौरान कृषि मंत्री ने 200 करोड़ रुपये से अधिक के सड़क और विकास कार्यों का शिलान्यास भी किया। मंच से उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे सनातन संस्कृति को मजबूत करने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया आज भारत की ओर देख रही है। यदि हम एकजुट होकर अपने धर्म और संस्कृति को सशक्त बनाएंगे, तो भारत पुनः विश्व गुरु बन सकता है।”
लोगों से प्रेरणादायक संदेश
डॉ. मीणा ने लोगों से अपील की कि जन्मदिन जैसे अवसरों को दिखावे और फिजूलखर्ची में न बिताकर सेवा के रूप में मनाएं। उन्होंने कहा कि “यदि हम उस दिन किसी गौशाला में जाकर गायों की सेवा करें, चारा-पानी खिलाएं या कोई धार्मिक कार्य करें, तो वह वास्तविक उत्सव होगा।”














