
झालावाड़: पीपलोदी गांव में हुए दर्दनाक स्कूल हादसे के बाद अब बच्चों की जिंदगी धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल और शिक्षा विभाग की संवेदनशीलता के चलते स्कूल दोबारा खुल गया है और बच्चे नई उमंग और जोश के साथ पढ़ाई में जुट गए हैं। हादसे में घायल हुए बच्चे अब पूरी तरह स्वस्थ होकर स्कूल लौट आए हैं। हालांकि कुछ बच्चे अपने पुराने दोस्तों की कमी महसूस कर रहे हैं, पर नए दोस्त बनाने को लेकर वे उत्साहित भी हैं। अब स्कूल की कक्षाओं में फिर से ‘क, ख, ग...’ और ‘1, 2, 3...’ की आवाजें गूंज रही हैं।
स्कूल में नियमित पढ़ाई की शुरुआत
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राम सिंह मीणा ने बताया कि हादसे के बाद बच्चों को मानसिक सहारा देने के लिए चार शिक्षकों को विशेष रूप से नियुक्त किया गया है। ये शिक्षक गांव जाकर बच्चों से संवाद करते हुए उन्हें स्कूल में वापस आने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस प्रयास से बच्चे फिर से पढ़ाई में लग गए हैं और स्कूल का माहौल सामान्य हो गया है।
घायलों की वापसी और बच्चों में नई ऊर्जा
पीपलोदी गांव में बच्चों के लिए वैकल्पिक स्कूल का निर्माण किया गया है, जहां स्कूल फिर से खुलने पर बच्चों का तिलक एवं माला पहनाकर स्वागत किया गया। बच्चे विद्यालय में आए तो उनकी खुशी साफ नजर आ रही थी। इस अवसर पर उनके अभिभावक भी मौजूद थे, जिन्होंने स्कूल की नई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। शिक्षा अधिकारी ने बताया कि पहले दिन 55 बच्चे स्कूल पहुंचे, और अब बच्चों में किसी भी तरह का भय नहीं है।

सुविधाओं का समुचित प्रबंध
स्कूल में बच्चों को बैग, किताबें, ड्रेस सहित अन्य आवश्यक सामग्री वितरित की गई है। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को मिड डे मील में पौष्टिक भोजन भी दिया जा रहा है। विद्यालय के नए भवन का निर्माण जारी है, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एक अन्य भवन में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इस भवन में बच्चों के लिए पर्याप्त कक्षा कक्ष, साफ पानी, शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं ताकि बच्चों को पढ़ाई में कोई असुविधा न हो।














