
राजस्थान के चूरू जिले में हुए वायुसेना के फाइटर जेट क्रैश की असल वजहों का जल्द ही खुलासा हो सकता है। चार दिन की कड़ी मशक्कत के बाद भारतीय वायुसेना की टीम को आखिरकार उस दुर्घटनाग्रस्त जगुआर विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है, जिससे हादसे के पीछे की तकनीकी या मानवीय वजहें सामने आ सकेंगी।
चार दिन चला सघन सर्च ऑपरेशन, ब्लैक बॉक्स खोलेगा असली कारणों का राज
यह हादसा 9 जुलाई को दोपहर लगभग 12:40 बजे चूरू जिले के भाणुदा गांव के समीप हुआ था, जब एक जगुआर फाइटर जेट प्रशिक्षण उड़ान के दौरान क्रैश हो गया। घटना के बाद से ही वायुसेना ने सूरतगढ़, बीकानेर, दिल्ली और गुजरात की विशेषज्ञ टीमों को मौके पर भेजा था और स्थानीय प्रशासन व ग्रामीणों की मदद से दुर्घटनास्थल को सीज कर सघन सर्च अभियान चलाया गया। शनिवार को इस अभियान में सफलता मिली जब ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गया।
ब्लैक बॉक्स मिलने से अब विशेषज्ञ यह पता लगाने में सक्षम होंगे कि हादसे के पीछे तकनीकी गड़बड़ी थी या किसी और कारण से यह दुर्घटना घटी। ब्लैक बॉक्स में जेट के अंतिम पलों की आवाजें, उड़ान डेटा और इंजन से जुड़ी तमाम जानकारियां रिकॉर्ड होती हैं, जो जांच को निर्णायक दिशा दे सकती हैं।
हादसे में दो जांबाज पायलटों की हुई शहादत
इस दर्दनाक हादसे में हरियाणा के रोहतक निवासी स्क्वाड्रन लीडर लोकेन्द्र सिंधु (44) और पाली निवासी फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषि राज (23) वीरगति को प्राप्त हुए। दोनों पायलटों ने आखिरी क्षणों तक विमान को आबादी वाले क्षेत्र से दूर रखने का प्रयास किया, जिससे भारी जनहानि टली, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी। उनकी बहादुरी को पूरा देश सलाम कर रहा है।
ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद अब वायुसेना की तकनीकी टीम इसकी विस्तृत जांच करेगी। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही दुर्घटना के मूल कारण की पुष्टि हो सकेगी। अधिकारियों के अनुसार, रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए जरूरी बदलाव भी किए जा सकते हैं।














