
श्रीगंगानगर के सदर थाना इलाके में पुलिस ने एक बड़े पैमाने पर होने वाली नशीली दवा तस्करी का भंडाफोड़ किया और एक ई-रिक्शा चालक को आरोप सहित दबोच लिया। जयपुर से कोरियर के जरिए भेजी गई खेप नगर विकास न्यास कार्यालय मार्ग पर स्थित कोरियर कंपनी के कार्यालय पर पहुंची थी। आरोपी पार्सल को अपने ई-रिक्शा पर लादकर ले जा रहा था तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
संदिग्ध पार्सल की डिलीवरी पर सतर्कता रही कामयाब
सदर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुभाषचंद्र ढील ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि जयपुर से भेजे गए पार्सल में संदिग्ध सामग्री हो सकती है। सूचना के आधार पर पुलिस ने कोरियर ऑफिस के आसपास सादे कपड़ों में छुपकर निगरानी रखी। देर शाम जब पार्सलों से भरा एक ई-रिक्शा कार्यालय से निकला और आगे बढ़ा, तो पुलिस ने उसे घेर कर रोका। तलाशी में आश्चर्यजनक मात्रा में दवाइयां बरामद हुईं — कुल मिलाकर 35,000 प्रेगाबलीन कैप्सूल और 95,000 टैपेंटाडोल गोलियाँ, यानी लगभग 1.30 लाख नशीली कैप्सूल/गोलियां।
बाजार मूल्य और दुरुपयोग का खतरा
प्राथमिक आंकड़ों के मुताबिक बाजार में प्रेगाबलीन की 10 कैप्सूल वाली एक स्ट्रिप की कीमत लगभग 170 रुपये है, जबकि टैपेंटाडोल की एक गोली की कीमत 15 रुपये से अधिक बताई जा रही है। इन कीमतों के आधार पर पकड़ी गई खेप का हर्जाना लाखों रुपये आंका जा रहा है। पुलिस ने बताया कि ये दवाइयां ज़्यादातर नशीले सेवन और गैरकानूनी बिक्री के लिए उपयोग की जाती हैं, जिससे दुरुपयोग का बड़ा सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बनता है।
गिरफ्तार शख्स और जांच की दिशा
गिरफ्तार आरोपी की पहचान त्रिलोकाराम (चक 71 RB), रायसिन्हगर निवासी के रूप में हुई है। वह वर्तमान में श्रीगंगानगर में किराये के मकान में रहता है और ई-रिक्शा चलाकर गुजारा करता है। पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह जानता था कि पार्सलों में नशीली गोलियाँ हैं। पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त कर लिया है जिसमें से कई संदिग्ध नंबर मिले हैं। इन नंबरों के जरिये अब जांच टीम जयपुर समेत अन्य स्थानों पर सक्रिय ड्रग नेटवर्क तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रही है।
आगे की कार्रवाई और व्यापक जाँच
पुलिस ने बरामद सामग्री को सबूत के रूप में जब्त कर फॉरेंसिक जांच और पोस्टमार्टम प्रक्रिया के अनुरूप साक्ष्य संग्रह शुरू कर दिया है। कोरियर कंपनी के रिकॉर्ड और पार्सल के नाम-पते का भी सत्यापन किया जा रहा है ताकि पूरे कनेक्शन-चेन का पता चल सके — कौन भेजा, किसे भेजा जाना था और इन दवाओं का रूट क्या था। स्थानीय प्रशासन ने चेतावनी दी है कि इस तरह की तस्करी की कड़ी नकेल के लिए और छापेमारीें जारी रहेंगी।














