
झालावाड़: शहर के सिटी फोरलेन क्षेत्र में स्थित कीमती जमीन को लेकर चल रहे विवाद में बड़ा मोड़ आ गया है। कोतवाली पुलिस ने कांग्रेस नेता प्रमोद शर्मा को उनके दो सहयोगियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि शर्मा ने एक महंगे भूखंड को हड़पने के लिए फर्जी इकरारनामा तैयार करवाकर कब्जा करने की कोशिश की।
शिकायत के बाद शुरू हुई कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जमीन के वास्तविक दावेदार महेश कुमार डागा ने कोतवाली थाने में शिकायत दी थी। उनका कहना था कि गायत्री मंदिर के सामने मौजूद यह मूल्यवान भूमि उन्होंने राजकुमार खंडेलवाल से विधिवत खरीदी है। नगर परिषद से निर्माण की अनुमति मिलने के बाद वे वहां काम भी शुरू कर चुके थे। इसी दौरान, आरोप है कि कांग्रेस नेता प्रमोद शर्मा मौके पर पहुंचे और निर्माण रुकवा दिया, यह कहते हुए कि जमीन उन्हीं की है।
फर्जी दस्तावेजों का खेल आया सामने
महेश कुमार द्वारा दी गई शिकायत पर पुलिस ने मामले को दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान प्रमोद शर्मा ने पुलिस को एक मूल इकरारनामा दिखाया, जिसमें भूमि पर उनका मालिकाना हक बताया गया था। लेकिन एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) रिपोर्ट ने मामले का सच उजागर कर दिया—रिपोर्ट में दस्तावेज कूटरचित, स्कैन किया हुआ और गैर-असली पाया गया। जांच में पता चला कि यह जमीन मूल रूप से नीना सिंघल की थी, जिन्होंने इसे राजकुमार खंडेलवाल और कपिल शर्मा को बेचा था। इसी बीच, कपिल शर्मा के भाई प्रमोद शर्मा ने अपने साथियों ललित वैष्णव और महेंद्र सिंह के साथ मिलकर पूरे भूखंड पर कब्जे की साजिश रची और नकली दस्तावेज बनवाए।
तीनों आरोपी गिरफ्तार
पुलिस ने मामले में तेजी दिखाते हुए प्रमोद शर्मा, महेंद्र सिंह नरूका और ललित वैष्णव — तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। ध्यान देने योग्य बात है कि प्रमोद शर्मा, जो कभी भाजपा में थे, वर्ष 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए और झालावाड़-बारां लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं।














