
भारी बारिश ने कोटा के कई हिस्सों में तबाही मचा दी है। रानपुर इंडस्ट्रियल एरिया और एजुकेशन हब जैसे क्षेत्रों में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नाले की दीवार टूटने से पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया, जिससे लोग बुरी तरह प्रभावित हुए। इस भयावह स्थिति को देखने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला खुद बुधवार को ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सड़कों पर उतरे। उन्होंने चंबल नदी में बहकर जान गंवाने वाले 6 युवकों के हादसे पर गहरा शोक जताया और इस दर्दनाक घटना की तथ्यात्मक रिपोर्ट मंगाई है, ताकि यह तय हो सके कि चूक किस स्तर पर हुई।
दौरे के दौरान बिरला ने कहा: "ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी और ठोस उपाय जल्द लागू किए जाने चाहिए।"
पत्रकारों से बात करते हुए, बिरला ने यह भी स्वीकार किया कि चंबल में फंसे युवकों के लिए हेलीकॉप्टर रेस्क्यू की संभावनाएँ थीं, जिस पर रिपोर्ट के बाद ही ठोस टिप्पणी की जा सकती है। दौरे में उन्होंने रानपुर क्षेत्र का निरीक्षण किया, जहां तेज़ बारिश और जलप्रवाह के कारण नाले की बाउंड्री टूट गई और पूरे इलाक़े में पानी भर गया। उन्होंने अधिकारियों से नालों की क्षमता बढ़ाने और जल निकासी के वैकल्पिक मार्ग तलाशने को कहा ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।
बरसाती पानी के लिए नई योजना की ज़रूरत
बिरला ने कोटा के नए विकसित इलाकों में जलभराव से बचने के लिए बारिश के पानी के डायवर्जन प्लान की बात भी कही। उन्होंने निर्देश दिया कि भविष्य की योजना में यह समस्या प्राथमिकता में होनी चाहिए।
हाईवे किनारे हरियाली और राहत
हाईवे किनारे और वन विभाग की ज़मीन पर पौधारोपण को लेकर भी उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए ताकि पर्यावरण संतुलन बना रहे और मिट्टी का कटाव रुके। साथ ही उन्होंने रानपुर तालाब क्षेत्र और बरडा बस्ती में क्षतिग्रस्त मकानों का निरीक्षण किया और पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता का भरोसा दिया।
परिवारों से मिलकर दी सांत्वना
बिरला निमोदा हरिजी गांव में उन परिवारों से भी मिलेंगे जिनके प्रियजन चंबल की बाढ़ में बह गए थे। अब तक 6 में से 3 शव मिल चुके हैं और बाकियों की तलाश जारी है। उन्होंने रेस्क्यू टीम को जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, वह सौम्या पाल के घर भी जाएंगे, जिनकी स्कूटी के साथ बह जाने से मृत्यु हो गई थी। घटना स्थल का उन्होंने पहले निरीक्षण भी किया। साथ ही वह कुन्हाड़ी सकतपुरा काली बस्ती भी जाएंगे, जहां करंट लगने से एक गर्भवती महिला की जान चली गई थी।
इस दौरान जिला प्रशासन, नगर निगम, कोटा विकास प्राधिकरण, NHAI, वन विभाग समेत अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ मौजूद रहे।














