
जयपुर: अरावली खनन मामले ने राजस्थान में राजनीतिक तूफ़ान खड़ा कर दिया है। कांग्रेस सत्ता पक्ष पर हमलावर है और भाजपा नेता इस मामले में विपक्षी आरोपों का खंडन कर रहे हैं। बुधवार को भाजपा कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार और पाप को हमारी सरकार सफाई दे रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अरावली खनन के मामले में हमारी सरकार 1 इंच भी नुकसान नहीं होने देगी। साथ ही उन्होंने कांग्रेस द्वारा लगाए गए उन आरोपों को खारिज किया, जिसमें दावा किया गया कि भाजपा सिर्फ अपने क्षेत्रों के किसानों को अधिक मुआवजा दे रही है।
अरावली संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता
मदन राठौड़ ने कहा कि अरावली पर्वत श्रृंखला राजस्थान की जीवन रेखा है और किसी भी हाल में इसे नुकसान नहीं पहुंचने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अशोक गहलोत कैबिनेट के 2002 के प्रस्ताव को ही लागू किया है और कांग्रेस भूल गई कि उनके बनाए प्रस्ताव पर ही वर्तमान विवाद उत्पन्न हुआ। राठौड़ ने कहा, “हमारा मामला अरावली क्षेत्र का नहीं बल्कि इससे 8-10 किलोमीटर दूर किसी पहाड़ी क्षेत्र का है। कांग्रेस नेता बिना कानून पढ़े भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने भी स्पष्ट कर दिया कि इस आदेश से अरावली को कोई नुकसान नहीं है। कांग्रेस केवल भ्रामक बयानबाजी कर रही है।”
मनरेगा में सुधार और पारदर्शिता
भाजपा अध्यक्ष ने मनरेगा को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। राठौड़ ने कहा, “हमारी सरकार ने बेरोजगारों और ग्रामीणों के हित में 100 दिन के रोजगार को बढ़ाकर 125 दिन किया। कांग्रेस के समय मनरेगा भ्रष्टाचार और दलालों का अड्डा था, जबकि भाजपा ने इसे पारदर्शी और जवाबदेह बनाया। किसान जब बुवाई या कटाई करता है, तब हमने मनरेगा रोक दिया ताकि मजदूर सीधे किसान को मिल सके। कांग्रेस को इसमें दिक्कत क्या है? बिचौलियों का समर्थन कर रही है।”
किसानों को मिलेगा न्यायपूर्ण मुआवजा
कांग्रेस पर यह आरोप लगाने के बाद कि उनके क्षेत्रों के किसानों को कम और भाजपा क्षेत्रों के किसानों को अधिक मुआवजा दिया जा रहा है, राठौड़ ने साफ किया कि “हमारी सरकार किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करती। सभी किसानों को तय मानदंड और नियमों के अनुसार मुआवजा दिया जा रहा है। भेदभाव करना कांग्रेस की आदत हो सकती है, हमारी नहीं।”














