
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के जयपुर दौरे के दौरान दादिया गांव में आयोजित 'सहकार एवं रोजगार उत्सव' में मंच पर एक बेहद दिलचस्प राजनीतिक तस्वीर सामने आई, जिसने हर किसी का ध्यान खींचा। वहां मौजूद लोगों के चेहरों पर जिज्ञासा थी — क्या यह मंच केवल कार्यक्रम के लिए था, या इसके पीछे कोई गहरा सियासी संदेश भी छुपा था?
मंच की सीटिंग अरेंजमेंट में जो सियासी गणित नजर आया, वो भाजपा के भीतर संतुलन साधने की एक सोची-समझी रणनीति जैसा लगा। एक ओर अमित शाह के पास मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सम्मानपूर्वक जगह दी गई, तो दूसरी ओर ठीक उनकी दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए भी कुर्सी लगाई गई, जो यह दर्शाता है कि पार्टी नेतृत्व हर महत्वपूर्ण चेहरे को महत्व देना नहीं भूला है।
मंच पर दिखा राजनीतिक संतुलन और परिपक्वता
इस राजनीतिक मंच पर भजनलाल शर्मा के साथ केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ भी मौजूद थे। वहीं, वसुंधरा राजे के पास डिप्टी सीएम दिया कुमारी को बैठाया गया, जिससे मंच पर सत्ता और अनुभव का संतुलन बड़े ही नपे-तुले अंदाज में नजर आया।
परंपराओं के संग स्वागत की गर्मजोशी
इस आयोजन में परंपराओं का भी ध्यान रखा गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अमित शाह का राजस्थानी संस्कृति के प्रतीक 'साफा' पहनाकर स्वागत किया, जिसमें खासतौर पर सांगानेरी प्रिंट का उपयोग किया गया। यह केवल औपचारिकता नहीं थी, बल्कि राजस्थान की आत्मा को केंद्र में रखने वाला एक भावुक स्वागत था।
सहकारिता पर बोले मुख्यमंत्री: शाह हैं आधुनिक राजनीति के चाणक्य
अपने उद्बोधन की शुरुआत में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अमित शाह को "देश की आधुनिक राजनीति का चाणक्य" करार दिया। उन्होंने शाह की सहकारिता नीति की तारीफ करते हुए कहा कि यह केवल एक प्रशासनिक योजना नहीं, बल्कि देश में एक नई सामाजिक-आर्थिक क्रांति की नींव है।
उन्होंने बताया कि शाह वर्षों पहले ही समझ गए थे कि सहकारिता से गांव, गरीब, किसान, महिला, और छोटे उद्योगपति – सभी का सशक्तिकरण संभव है। मुख्यमंत्री ने भरोसे के साथ कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है ताकि हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा में जोड़ा जा सके।














