
मध्य प्रदेश के इंदौर के एक अस्पताल में जन्मी एक नवजात बच्ची चर्चा का केंद्र बनी हुई है। खरगोन जिले के मोथापुरा गांव की रहने वाली एक महिला ने 13 अगस्त को इस बच्ची को जन्म दिया। आश्चर्य की बात यह है कि इस बच्ची के दो सिर, चार हाथ और दो धड़कते दिल हैं। हालांकि उसका सीना और पेट आपस में जुड़े हुए हैं, जबकि पैर सामान्य तौर पर केवल दो ही हैं।
एमवाय अस्पताल में भर्ती, डॉक्टरों की कड़ी निगरानी
नवजात को जन्म के तुरंत बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए इंदौर के एमवाय अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया गया। यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम लगातार उसकी स्थिति पर नजर रख रही है। चिकित्सकों के मुताबिक ऐसे मामलों में इलाज बेहद कठिन हो जाता है, क्योंकि शरीर के कई अंग आपस में जुड़े रहते हैं। इसलिए अक्सर ऐसे बच्चों को पीआईसीयू में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता है ताकि आपातकालीन देखभाल मिल सके।
मेडिकल विज्ञान में क्या कहलाता है यह मामला?
डॉक्टरों ने जानकारी दी कि बच्ची फिलहाल स्थिर है और राहत की बात यह है कि उसके दोनों दिल सामान्य रूप से धड़क रहे हैं। आगे की जाँच के लिए सोनोग्राफी और कई अन्य जरूरी टेस्ट किए जा रहे हैं। चिकित्सा शब्दावली में इस स्थिति को कंजॉइंड ट्विन्स कहा जाता है। यह बेहद दुर्लभ और जटिल स्थिति होती है, जिसमें सर्जरी करना आसान नहीं होता।
जन्म की पूरी प्रक्रिया और आगे की संभावना
बच्ची की डिलीवरी एमटीएच अस्पताल में हुई थी। लेकिन नाजुक हालत के कारण उसे तुरंत एमवाय अस्पताल रेफर किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अगले छह महीने तक बच्ची की तबीयत स्थिर रहती है, तो सर्जरी की मदद से उसके शरीर के अंगों को अलग करने की संभावना हो सकती है। हालांकि यह बेहद संवेदनशील और जोखिम भरा ऑपरेशन होगा।
माता-पिता की पहली संतान
यह बच्ची दंपति की पहली संतान है। डॉक्टरों से परामर्श लेने के बाद परिवार ने उसे घर ले जाने का फैसला किया है। परिवारजन बच्ची के अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन की कामना कर रहे हैं।
इंदौर में पहले भी सामने आए ऐसे मामले
ध्यान देने वाली बात यह है कि इंदौर में इससे पहले भी दो सिर वाले बच्चे के जन्म के मामले दर्ज हो चुके हैं। चिकित्सा विज्ञान के लिए ये घटनाएँ बड़ी चुनौती मानी जाती हैं। वहीं समाज में ऐसे जन्म लोगों के बीच कौतूहल और चर्चा का विषय बन जाते हैं।














