
गुजरात के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भुज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा, घुसपैठ और चुनाव आयोग की एसआईआर प्रक्रिया पर विस्तार से अपनी बात रखी। इस दौरान उन्होंने नक्सलवाद के सफाए से लेकर मतदाता सूची के शुद्धिकरण तक कई मुद्दों को लेकर अपनी स्पष्ट और दृढ़ स्थिति दोहराई। शाह ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल जानबूझकर देश में घुसपैठियों को संरक्षण देने में लगे हुए हैं और चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची को शुद्ध करने के प्रयासों का विरोध कर रहे हैं।
घुसपैठियों पर गृहमंत्री का कड़ा संदेश
अमित शाह ने स्पष्ट कहा कि एसआईआर (SIR) देश को सुरक्षित, व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने की एक अनिवार्य प्रक्रिया है। उनके अनुसार, बिहार की जनता ने हालिया जनादेश में उन पार्टियों को करारा जवाब दिया है जो इस प्रक्रिया के विरोध में खड़ी थीं। उन्होंने दो टूक कहा— “देश में जितने भी घुसपैठिए छिपे हुए हैं, उन्हें एक-एक कर बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। चाहे वे कहीं भी हों, उनकी पहचान की जाएगी और उन्हें निकाला जाएगा।”
सुरक्षा बलों की भूमिका और कच्छ का उदाहरण
भुज में अपने संबोधन के दौरान गृहमंत्री ने BSF की भूमिका का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक ऐसा बल है जो भूमि, सीमा और समुद्र—तीनों मोर्चों पर देश की सुरक्षा में जुटा है। उन्होंने कहा कि BSF के जवान कठिन परिस्थितियों में भी सीमाओं की रक्षा करते हैं और देश को हरसंभव खतरे से बचाते हैं।
इसके साथ ही, उन्होंने कच्छ के भूकंप के बाद हुए अद्भुत विकास मॉडल की जमकर सराहना की। अमित शाह ने याद करते हुए कहा— “मैंने देश में कई भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है। कई जगहों पर दशकों बाद भी तबाही के निशान दिखते हैं। लेकिन कच्छ ने अपने हौसले, मेहनत और एकजुटता के दम पर न सिर्फ़ खुद को संभाला, बल्कि पहले से कहीं ज्यादा तेज़ी से विकास की नयी मिसाल कायम की है।”
लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुरक्षित रखने की बात
अमित शाह ने यह भी कहा कि घुसपैठ केवल सुरक्षा का मुद्दा नहीं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक संरचना को सुरक्षित रखने के लिए भी जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल घुसपैठियों को बचाने के लिए रैलियां निकाल रहे हैं जबकि दूसरे देश के लोकतंत्र को मजबूत करने वाली प्रक्रियाओं का विरोध कर रहे हैं।
एसआईआर में सहयोग की अपील
अपने संबोधन के अंत में गृहमंत्री ने जनता से अपील की कि वे चुनाव आयोग द्वारा संचालित एसआईआर प्रक्रिया में पूरा सहयोग दें। उन्होंने कहा— “देश को सुरक्षित रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। जो भी दल घुसपैठियों की ढाल बने हुए हैं, उन्हें जनता ने बिहार के चुनाव में कड़ा संदेश दे दिया है। अब समय है कि पूरा देश मिलकर मतदाता सूची को शुद्ध, पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने में योगदान दे।”














