
गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। लेकिन अब जो नई जानकारी सामने आई है, उसने इस दुर्घटना को और भी दर्दनाक और रहस्यमय बना दिया है। अमेरिका की प्रतिष्ठित मीडिया संस्था वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, हादसे से ठीक पहले की कॉकपिट रिकॉर्डिंग इस ओर इशारा करती है कि कैप्टन ने खुद विमान के इंजन का फ्यूल बंद कर दिया था।
यह वो पल था जब ज़िंदगी और मौत के बीच सिर्फ कुछ ही सेकंड का फासला था।
कैप्टन से घबराए सह-पायलट ने पूछा — "आपने फ्यूल कटऑफ क्यों किया?"
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर उड़ा रहे फर्स्ट ऑफिसर ने, जो उस वक्त कमान संभाले हुए अधिक अनुभवी कैप्टन के साथ थे, टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद ही घबराते हुए सवाल किया — "सर, आपने फ्यूल कटऑफ स्विच क्यों किया?" यह सवाल किसी सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा नहीं था। उसकी आवाज़ में घबराहट और डर साफ झलक रहा था। लेकिन, रिपोर्ट कहती है कि कैप्टन शांत रहे — इतना शांत कि जैसे कुछ हुआ ही न हो।
सिर्फ 32 सेकंड में सबकुछ खत्म
इस भयानक क्रैश में कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर, दोनों की मौत हो गई। इनमें से एक के पास 15,638 घंटे और दूसरे के पास 3,403 घंटे की उड़ान का अनुभव था। AIIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच टेकऑफ के कुछ ही पलों बाद एक के बाद एक ऑफ हो गए। ध्यान देने वाली बात यह है कि विमान के उड़ान भरने और दुर्घटनाग्रस्त होने के बीच का समय केवल 32 सेकंड था। सोचिए, कितनी तेज़ी से सब कुछ बदल गया — उड़ान, उम्मीदें और ज़िंदगियां।
गलती या जानबूझकर? अभी जवाब अधूरा है
वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, विमानन विशेषज्ञ, अमेरिकी पायलट्स और जांच से जुड़े लोग इस सवाल पर माथापच्ची कर रहे हैं — क्या कैप्टन ने जानबूझकर फ्यूल स्विच बंद किए या ये एक खतरनाक चूक थी? रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह निर्णय इरादतन लिया गया था या नहीं। लेकिन जो भी हो, यह सवाल बहुत बड़ा है।
सरकार और पायलट संगठन का जवाब
नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने इस मामले पर गंभीरता दिखाई और कहा कि ये रिपोर्ट शुरुआती निष्कर्षों पर आधारित है, और अंतिम रिपोर्ट आने तक कोई भी निष्कर्ष निकालना जल्दबाज़ी होगी। वहीं, फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) के अध्यक्ष सीएस रंधावा ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट को गैर-ज़िम्मेदाराना और तथ्यहीन बताया है। उन्होंने यह साफ किया कि AIIB की शुरुआती रिपोर्ट में कहीं भी ये नहीं कहा गया कि पायलट्स ने फ्यूल फ्लो को रोकने वाले स्विच बंद किए थे। उनका कहना है कि बिना ठोस निष्कर्ष के, इस तरह की रिपोर्ट्स से न सिर्फ मृत पायलट्स की छवि को ठेस पहुंचती है, बल्कि परिजनों के जख्म भी फिर से हरे हो जाते हैं।














