नागपुर में क्यों भड़की हिंसा? अफवाहों से आगजनी तक, जानें पूरा मामला

By: Jhanvi Gupta Tue, 18 Mar 2025 08:51:21

नागपुर में क्यों भड़की हिंसा? अफवाहों से आगजनी तक, जानें पूरा मामला

नागपुर में सोमवार को हिंसा भड़कने की खबरें सामने आईं, जब एक अफवाह फैली कि एक संगठन के प्रदर्शन के दौरान एक धर्मग्रंथ को जलाया गया। इस दौरान हुए पथराव में 20 से 22 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने महल क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाकर 15 लोगों को गिरफ्तार किया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। इसके बाद हंसपुरी इलाके में भी हिंसा की घटनाएं हुईं, जहां उपद्रवियों ने दुकानों में तोड़फोड़ की, पथराव किया और वाहनों को आग लगा दी। स्थिति को काबू में करने के लिए प्रशासन ने नागपुर के कई इलाकों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया है। पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र कुमार सिंगल ने बताया कि कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू रहेगा, जो अगले आदेश तक जारी रहेगा।

पुलिस उपायुक्त गंभीर रूप से घायल

महल इलाके में उपद्रव के बाद घेराबंदी अभियान के दौरान पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि दो अन्य पुलिसकर्मी भी पथराव में घायल हुए। अधिकारियों के अनुसार, हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र चिटनिस पार्क से लेकर शुक्रवारी तालाब रोड रहा, जहां दंगाइयों ने कई चार पहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया। उपद्रवियों ने स्थानीय लोगों के घरों पर भी पथराव किया, जिससे इलाके में भय का माहौल बन गया।

कैसे भड़की हिंसा?


पुलिस के मुताबिक, सोमवार देर शाम बजरंग दल के सदस्यों ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया। इसी दौरान अफवाह फैली कि आंदोलन के दौरान एक धर्मग्रंथ को जलाया गया, जिससे माहौल बिगड़ गया। यह खबर सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने लगी, जिससे मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया।

गणेशपेठ थाने में शाम को कथित तौर पर धर्मग्रंथ जलाने की शिकायत दर्ज कराई गई। इसके बाद बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग महल इलाके में इकट्ठा होने लगे। हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ा दी और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया। वर्तमान में प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और इलाके में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।

पथराव के बाद पुलिस की कार्रवाई


चिटनिस पार्क इलाके में पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। अधिकारियों के अनुसार, अन्य इलाकों से भी हिंसा की खबरें सामने आई हैं। हालांकि, बजरंग दल के पदाधिकारियों ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्होंने केवल औरंगजेब का पुतला जलाया था।

संवेदनशील इलाकों में कड़ी सुरक्षा

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT), दंगा नियंत्रण पुलिस और राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) को संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है। विभिन्न थानों से अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाया गया है।

पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाया और अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने बताया कि स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है और सुरक्षा एजेंसियां हालात पर नजर रख रही हैं।

नकाबपोश हमलावरों ने मचाया उत्पात

हंसपुरी इलाके के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हिंसा फैलाने वाले हमलावरों ने अपने चेहरे स्कार्फ से ढके हुए थे। उनके हाथों में धारदार हथियार, लाठियां और बोतलें थीं। उन्होंने अचानक हंगामा शुरू कर दिया, दुकानों में तोड़फोड़ की और पथराव किया। उपद्रवियों ने 8-10 वाहनों को आग के हवाले कर दिया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

महल में हजारों लोगों की भीड़ ने किया पथराव

महल इलाके के एक चश्मदीद ने बताया कि उनकी कार हिंसा और आगजनी का शिकार हो गई। यह घटना सोमवार रात करीब 8:30 बजे हुई, जब 500-1000 लोगों की भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। उपद्रवियों ने उनकी कार समेत करीब 25-30 वाहनों को तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया।

एक अन्य स्थानीय निवासी ने बताया कि उपद्रवी हाथों में पत्थर लिए गलियों में दौड़ रहे थे। उन्होंने घरों पर भी हमला किया, यहां तक कि बच्चों को भी निशाना बनाया। पत्थरबाजी से घरों के दरवाजे और खिड़कियां भी टूट गईं, जिससे लोग दहशत में आ गए।

सीएम फडणवीस और गडकरी ने की शांति की अपील

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर विश्वास न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि पुलिस महल इलाके में स्थिति को नियंत्रित करने में लगी हुई है, और वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं। उन्होंने पुलिस से लोगों के साथ सहयोग करने और हालात को जल्द सामान्य करने के निर्देश दिए।

नागपुर के सांसद नितिन गडकरी ने भी एक वीडियो संदेश जारी कर शहरवासियों से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा, "नागपुर का हमेशा से शांति और सौहार्द का इतिहास रहा है। मैं सभी नागरिकों से अनुरोध करता हूं कि अफवाहों पर ध्यान न दें और सड़कों पर न उतरें। प्रशासन का सहयोग करें।"

कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने इस घटना को राज्य सरकार की विफलता करार दिया। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से कुछ मंत्रियों द्वारा भड़काऊ बयान दिए जा रहे थे, जिससे यह तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई।

सपकाल ने हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण और अनुचित बताते हुए नागपुर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, "नागपुर में सभी धर्मों के लोग सद्भावना के साथ रहते हैं, और हमें मिलकर इस सौहार्द को बनाए रखना चाहिए।"

हिंसा भड़काने के लिए भड़काऊ भाषण का आरोप

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने नागपुर में भड़की हिंसा को गृह विभाग की बड़ी विफलता बताया। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों से राज्य के मंत्री जानबूझकर समाज में अशांति फैलाने के लिए भड़काऊ बयान दे रहे थे, जिसका असर अब नागपुर में देखने को मिल रहा है।

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक आदित्य ठाकरे ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। सरकार की नाकामी के कारण नागपुर में ऐसी भयावह स्थिति पैदा हुई है।"

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