कोरोना के कारण आत्महत्या को कोविड-19 से मौत माना जाए, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को दिए निर्देश
By: Pinki Tue, 14 Sept 2021 09:17:16
देश में कोरोना ने पिछले डेढ़ साल से कोहराम मचा रखा है। कोरोना महामारी में किसी ने अपने माता-पिता खोए तो किसी ने अपने पति-पत्नी, हजारों परिवार और बच्चे अनाथ हो गए। कोरोना ने लोगों को आर्थिक और मानसिक स्थिति पर भी गहरा आघात किया। कोरोना से संक्रमित होने के बाद कई ऐसे लोग भी थे जो अवसाद में चले गए और आत्महत्या कर ली। ऐसे लोगों को डेथ सर्टिफिकेट जारी करने और परिवार को सरकारी मदद दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट आगे आया है। केंद्र सरकार से सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोरोना से परेशान होकर जिस किसी ने भी आत्महत्या की है तो ऐसे मामलों का पता लगाकर उसे कोविड-19 से हुई मौत माना जाए। इस बारे में राज्यों को नए दिशा निर्देश दिए जाएं।
जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि हमने आपका शपथपत्र देखा है, लेकिन कुछ बातों पर और विचार करना चाहिए। शपथपत्र में केंद्र के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना से मरे लोगों को आसानी से प्रमाणपत्र देने के संबंध में दिशानिर्देश बनाए हैं। यह निर्देश राज्यों को भेजे गए हैं। इन दिशा निर्देशों में था कि जहर खाने या अन्य दुर्घटना के कारण यदि मृत्यु होती है तो चाहे कोविड 19 उसमें एक कारण क्यों न हो, उसे कोविड से हुई मौत नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि कोरोना के कारण आत्महत्या करने वाले की मौत को कोविड से हुई मौत नहीं मानना स्वीकार्य नहीं है। उन्हें भी कोविड से हुई मौत का प्रमाणपत्र मिलना चाहिए।
कोर्ट ने कहा कि जिन केसों में यह पहले मना कर दिया गया था, उन्हें ये प्रमाणपत्र कैसे दिया जाए। सरकार इस बारे में राज्यों के लिए नए दिशानिर्देश जारी करे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कोरोना से मरे लोगों के परिजनों को मुआवजा देने से मना कर दिया था, जिसे कोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया था। लेकिन, कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह आपदा प्रबंधन कानून के तहत मुआवजा तय करने के बारे में क्या किया गया है। इसके बारे में कोर्ट को अवगत करवाएं। एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि अगली तारीख 23 सितंबर को कोर्ट के समक्ष यह ब्योरा रख दिया जाएगा।