शिवाजी प्रतिमा ढहने का मामला: सलाहकार चेतन पाटिल को बम्बई हाईकोर्ट से मिली जमानत
By: Rajesh Bhagtani Thu, 21 Nov 2024 5:41:18
मुम्बई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सिंधुदुर्ग जिले के मालवन में राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने के मामले में शामिल सलाहकार चेतन पाटिल को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति ए एस किलोर ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि 30 अगस्त को गिरफ्तार किए गए पाटिल की मूर्ति के संरचनात्मक डिजाइन में कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी, जिसके कारण 26 अगस्त को यह मूर्ति ढह गई। गौरतलब है कि नौसेना दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका अनावरण किया गया था और इस अनावरण के नौ महीने बाद ही यह मूर्ति ढह गई।
प्रतिष्ठित मराठा योद्धा राजा की 35 फीट ऊंची मूर्ति ढह गई, जिससे इसके निर्माण और स्थिरता पर गंभीर सवाल उठे। अदालत के अनुसार, पाटिल की भागीदारी मूर्ति के आधार के लिए संरचनात्मक स्थिरता रिपोर्ट प्रस्तुत करने तक सीमित थी, जो मूर्ति के गिरने के बावजूद बरकरार रही। यह बिंदु संरचनात्मक विफलता में उनकी गैर-सहभागिता निर्धारित करने में महत्वपूर्ण था, जिसके परिणामस्वरूप मूर्ति ढह गई।
अदालत का यह फैसला तब आया जब निचली सत्र अदालत ने पहले पाटिल और एक अन्य आरोपी जयदीप आप्टे की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिन्होंने मूर्ति के मूर्तिकार और ठेकेदार के रूप में काम किया था। आप्टे की भूमिका फिलहाल गहन जांच के दायरे में है और उनकी जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय में 25 नवंबर को सुनवाई होनी है।
सिंधुदुर्ग पुलिस ने पिछले महीने भारतीय न्याय संहिता के तहत एक एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें पाटिल और आप्टे पर मूर्ति के ढहने से संबंधित अन्य अपराधों के अलावा लापरवाही का आरोप लगाया गया था। इस घटना ने सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, विशेष रूप से महत्वपूर्ण सांस्कृतिक महत्व वाली परियोजनाओं में सुरक्षा मानकों और गुणवत्ता नियंत्रण पर व्यापक चिंता और बहस को जन्म दिया है।