शिंदे गुट ही असली शिव सेना, स्पीकर ने सुनाया अपना फैसला, 1999 वाला संविधान मान्य
By: Rajesh Bhagtani Wed, 10 Jan 2024 6:44:29
मुम्बई। महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और बाकी 15 विधायकों की किस्मत पर आज फैसला सुना रहे हैं। स्पीकर राहुल नार्वेकर की तरफ से जोर देकर कहा गया है कि शिवसेना का जो संविधान 1999 वाला था, उसे ही मान्य माना जाएगा। 2018 में जिस भी संशोधन की बात की गई है, वो सही नहीं। उनकी तरफ से ये भी साफ कहा गया है कि चुनाव आयोग के पास जो रिकॉर्ड मौजूद हैं, उसमें शिंदे गुट ही असली शिवसेना है।
अपने फैसले में स्पीकर ने कहा कि शिवसेना के 2018 संशोधित संविधान को वैध नहीं माना जा सकता क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है…रिकॉर्ड के अनुसार, मैंने वैध संविधान के रूप में शिव सेना के 1999 के संविधान को ध्यान में रखा है। इसके अलावा स्पीकर ने ये भी साफ कर दिया है कि उद्धव गुट वर्तमान में किसी को भी पार्टी से नहीं निकाल सकता है। जोर देकर कहा गया है कि बिना राष्ट्रीय कार्यकारिणी से सलाह लिए किसी को भी बाहर नहीं किया जा सकता। ये फैसला एकनाथ शिंदे के लिए राहत है, क्योंकि बगावत के समय उद्धव उन्हें पार्टी से बाहर करने की बात कही थी।
जिन नेताओं पर अयोग्यता की तलवार लटकी है उनमें एकनाथ शिंदे, अब्दुल सत्तार, संदीपन भुमरे, संजय शिरसाट, तानाजी सावंत, यामिनी जाधव, चिमनराव पाटिल, भरत गोगावे, लता सोनावने, प्रकाश सुर्वे, बालाजी किनिकर, अनिल बाबर, महेश शिंदे, संजय रायमुलकर, रमेश बोरनारे, बालाजी कल्याणकर हैं।
एकनाथ शिंदे नियमानुसार पार्टी के नेता बने
स्पीकर राहुल नार्वेकर ने विधायकों की अयोग्यता की याचिका खारिज कर दी। इस पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने कहा कि जब पार्टी में बंटवारा हुआ था उस समय शिंदे के समर्थन में 37 विधायक थे। उन्होंने यह भी कहा कि एकनाथ शिंदे नियमानुसार पार्टी के नेता बने। 21 जून को ही एकनाथ शिंदे पार्टी के नेता बन गए थे। इसके साथ ही स्पीकर ने भरत गोगावले की व्हिप के रूप में नियुक्ति को वैध ठहराया है।
महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि मैं स्पीकर के
रूप में 10वीं धारा के तहत अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर रहा हूं। अनुसूची
का क्षेत्राधिकार सीमित है और यह वेबसाइट पर उपलब्ध ईसीआई के रिकॉर्ड से
आगे नहीं जा सकता है और इसलिए मैंने प्रासंगिक नेतृत्व संरचना का निर्धारण
करते समय इस पहलू पर विचार नहीं किया है।
महाराष्ट्र विधानसभा
अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि शिवसेना के 2018 संशोधित संविधान को वैध
नहीं माना जा सकता क्योंकि यह भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में नहीं है।
रिकॉर्ड के अनुसार, मैंने वैध संविधान के रूप में शिव सेना के 1999 के
संविधान को ध्यान में रखा है।