आरएसएस मानहानि मामला: राहुल गाँधी पहुंचे हाईकोर्ट, बोले- निचली अदालत का आदेश खारिज किया जाए

By: Rajesh Bhagtani Tue, 22 Aug 2023 3:08:20

आरएसएस मानहानि मामला: राहुल गाँधी पहुंचे हाईकोर्ट, बोले- निचली अदालत का आदेश खारिज किया जाए

मुम्बई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संघ के खिलाफ उनके पुराने बयान को लेकर एक निचली अदालत में दोबारा शुरू किए गए मानहानि के आपराधिक मामले के विरुद्ध बांबे हाई कोर्ट में दस्तक दी है। उनके खिलाफ यह ताजा केस संघ के एक कार्यकर्ता ने अतिरिक्त दस्तावेजों के आधार पर किया है। महाराष्ट्र की भिवंडी कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने मुम्बई हाईकोर्ट का रुख किया है। राहुल को दरअसल निचली अदालत का वो फैसला रास नहीं आ रहा जिसमें उनके विवादित भाषण की कॉपी को साक्ष्य के तौर पर मानने का फैसला किया गया है।

राहुल के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने मानहानि का केस दायर कर रखा है। इसकी सुनवाई भिवंडी की मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रही है। राहुल के जिस भाषण पर कुंटे को आपत्ति है वो 2014 की एक चुनावी रैली में दिया गया था। राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की हत्या के लिए संघ को जिम्मेदार ठहराया था। ये रैली 2014 के आम चुनावों से ऐन पहले महाराष्ट्र के भिवाड़ी इलाके में आयोजित की गई थी।

सीआरपीसी के सेक्शन 294 के तहत सीडी को साक्ष्य नहीं मान सकते

राहुल गांधी का कहना है कि सितंबर 2021 में हाईकोर्ट की जस्टिस रेवती मोहिते डेरे ने कुंटे की अपील को कारिज करते हुए भाषण की नकल को साक्ष्य मानने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट का कहना था कि सीआरपीसी के सेक्शन 294 के तहत इसे साक्ष्य नहीं मान सकते। जस्टिस का कहना था कि केवल इस वजह से कि राहुल ने केस को खारिज करने की मांग वाली अपनी याचिका के साथ भाषण की सर्टिफाइड कॉपी लगा दी थी इस वजह से कुंटे की अपील को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट का कहना था कि ट्रायल के दौरान सीडी को सही साबित करके दिखाना होगा।

राहुल का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भाषण की सीडी को सबूत मानने का आदेश जारी कर दिया था। ये कानूनन सही नहीं है। उनकी हाईकोर्ट से डिमांड है कि भिवंडी की कोर्ट के आदेश को तत्काल प्रभाव से खारिज किया जाए। सोमवार को जस्टिस कोतवाल ने कहा कि चूंकि वर्ष 2021 में हाई कोर्ट की एक समकक्ष बेंच ने कुंटे की याचिका पर सुनवाई की थी। इसलिए बेहतर होगा कि वही खंडपीठ राहुल गांधी की इस याचिका की भी सुनवाई करे। उन्होंने गांधी के वकील कुशाल मोर से कहा कि मैं अपीली याचिका की समीक्षा करूं इससे बेहतर है कि वही जज इस मामले की सुनवाई करे। राहुल ने अपनी इस याचिका में दावा किया कि 2021 में हाई कोर्ट की एक अन्य खंडपीठ ने शिकायतकर्ता राजेश कुंटे को इस मामले में नए दस्तावेज शामिल करने की अनुमति नहीं दी थी। लेकिन महाराष्ट्र के ठाणे के भिवंडी की एक जिला अदालत ने इसी साल जून में कुंटे को नए दस्तावेज जमा करने की अनुमति दे दी।

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