कोटा: 24 घंटे के भीतर 2 छात्रों की आत्महत्या, मेडिकल की तैयारी कर रही छात्रा लापता
By: Sandeep Gupta Thu, 09 Jan 2025 1:30:33
राजस्थान के कोटा, जो कि देश का प्रमुख कोचिंग हब माना जाता है, में हाल ही में कुछ घटनाओं ने गंभीर चिंता पैदा की है। बिहार की एक छात्रा के लापता होने और 24 घंटों के भीतर दो छात्रों द्वारा आत्महत्या करने की खबर ने कोटा में छात्रों की मानसिक स्थिति और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिहार की रहने वाली मेडिकल की तैयारी कर रही एक छात्रा राजीव गांधी नगर इलाके के हॉस्टल से दो दिन पहले बिना किसी जानकारी के गायब हो गई। छात्रा के परिजन और पुलिस उसकी तलाश में जुटे हुए हैं। यह मामला जवाहर नगर थाना क्षेत्र का है। छात्रा के लापता होने की खबर ने कोटा के शैक्षणिक माहौल को हिलाकर रख दिया है।
24 घंटे में दो छात्रों ने की आत्महत्या
मध्य प्रदेश के छात्र की आत्महत्या
बुधवार देर शाम विज्ञान नगर थाना क्षेत्र के अंबेडकर नगर इलाके में एक पीजी में रह रहे मध्य प्रदेश के गुना निवासी अभिषेक लोधा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अभिषेक जेईई (इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा) की तैयारी कर रहा था। एडिशनल एसपी दिलीप सैनी ने बताया कि अभिषेक के परिवार ने उससे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन जब फोन रिसीव नहीं हुआ, तो उन्होंने पीजी संचालक को सूचित किया। संचालक ने अभिषेक के कमरे में जाकर देखा तो वह फांसी के फंदे से लटका हुआ पाया गया। पुलिस ने शव को एमबीएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। परिजनों के पहुंचने के बाद शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। फिलहाल पीजी में रह रहे अन्य छात्रों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। गार्ड और पड़ोसियों ने बताया कि अभिषेक के व्यवहार से यह नहीं लगा था कि वह आत्महत्या जैसा कदम उठाएगा।
हरियाणा के छात्र की आत्महत्या
इससे पहले, हरियाणा के महेंद्रगढ़ निवासी छात्र नीरज ने राजीव गांधी नगर इलाके में अपने कमरे में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। नीरज पिछले दो साल से कोटा के आनंद कुंज रेजीडेंसी में रहकर जेईई की तैयारी कर रहा था।
कोटा में कोचिंग छात्रों की घटती संख्या
लगातार आत्महत्या की घटनाओं का कोटा की कोचिंग इंडस्ट्री पर गहरा असर पड़ा है। 2024 में अब तक: 17 छात्रों ने आत्महत्या की। 2023 में: 26 आत्महत्या के मामले दर्ज हुए थे। इन घटनाओं ने कोटा में कोचिंग छात्रों की संख्या को घटा दिया है। जिलाधिकारी रवींद्र गोस्वामी के अनुसार, जहां पहले कोटा में छात्रों की संख्या 2-2.5 लाख के बीच होती थी, अब यह घटकर 85,000 से 1 लाख के बीच रह गई है।
आर्थिक असर
छात्रों की संख्या में कमी के कारण कोटा की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
2023 का राजस्व: 6,500-7,000 करोड़ रुपये।
2024 का अनुमानित राजस्व: 3,500 करोड़ रुपये।
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