जयपुर। ग्राम पंचायतों में पूर्व निर्वाचित सरपंचों को ही प्रशासक लगाने के मामले में हाईकोर्ट से जवाब देने के लिए राज्य सरकार ने दो सप्ताह की मोहलत मांगी है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि ये प्रशासक किस प्रावधान के तहत लगाए गए हैं। महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद के यह कहने पर कि जवाब तैयार है, कोर्ट ने सुनवाई टाल दी।
मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव व न्यायाधीश उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने गिरिराज सिंह व अन्य की जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की थी। प्रार्थी पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रेमचंद देवन्दा ने कोर्ट को बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल पांच साल से एक दिन भी ज्यादा नहीं हो सकता।
सरकार ने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि प्रशासकों का कार्यकाल कब तक होगा और चुनाव कब तक करा दिए जाएंगे। उन्होंने पूर्व निर्वाचित प्रतिनिधियों को प्राइवेट व्यक्ति बताते हुए कहा कि इन्हें वित्तीय अधिकार भी दे दिए गए हैं।