राजस्थान: बूंदी में MBBS स्टूडेंट को रोडवेज बस ने कुचला, मौत

By: Sandeep Gupta Mon, 27 Jan 2025 09:54:08

राजस्थान: बूंदी  में  MBBS स्टूडेंट को रोडवेज बस ने कुचला, मौत

राजस्थान के बूंदी जिले में रविवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में रोडवेज बस ने बाइक सवार दो मेडिकल छात्रों को कुचल दिया। इस हादसे में एक छात्र की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के बाइपास रोड पर सुबह करीब 9 बजे हुई। दुर्घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने जिला अस्पताल के सामने विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने सड़क पर बैठकर रास्ता जाम कर दिया और मृतक छात्र के परिवार को 5 करोड़ रुपये मुआवजा देने के साथ एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की। शाम करीब 4 बजे कलेक्टर के साथ बातचीत और कई मांगों पर सहमति बनने के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ।

हादसे में जान गंवाने वाले छात्र की पहचान लोमश जांगिड़ (21) पुत्र निरंजन जांगिड़ निवासी केलवाड़ा (बारां) के रूप में हुई है। वह एमबीबीएस फर्स्ट ईयर का छात्र था। लोमश अपने साथी अलवीश गौरी (निवासी बूंदी) के साथ जयपुर की बस पकड़ने के लिए बाइक पर जा रहा था। लोमश के रूममेट विकास ने बताया कि कॉलेज के बाहर बस स्टॉप नहीं होने के कारण लोमश और अलवीश बाइक पर निकले थे। बाइपास रोड पर नवलसागर पार्क के पास पीछे से आ रही रोडवेज बस ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में दोनों छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। घटनास्थल से गुजर रहे कॉलेज के अन्य छात्र दीपक और विक्रम ने दोनों को घायल अवस्था में सड़क पर पड़ा देखा। उन्होंने तुरंत घायलों को अपनी बाइक पर बैठाकर जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद लोमश को मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के शव को जिला अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया। इस हादसे ने कॉलेज के छात्रों और लोमश के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। घायल अलवीश का इलाज जारी है।

कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी

हादसे की जानकारी मिलने के बाद मेडिकल कॉलेज के छात्र बड़ी संख्या में जिला अस्पताल पहुंचे और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। छात्रों का कहना था कि यह हादसा कॉलेज प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर कॉलेज के बाहर बस स्टॉप और मेडिकल वैन की सुविधा उपलब्ध होती, तो ऐसी घटना से बचा जा सकता था।

छात्रों का गुस्सा और आरोप

छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन विद्यार्थियों को लगातार परेशान करता है। उन्होंने कहा, "वार्डन अनावश्यक रूप से छात्रों को परेशान करते हैं और उनकी मनमानी सहन नहीं की जाएगी। उन्हें तत्काल निलंबित किया जाए।" इसके अलावा, छात्रों ने शिकायत की कि कॉलेज प्रिंसिपल उनकी समस्याओं को सुनने के लिए तैयार नहीं होते और सुविधाओं के नाम पर केवल वादे किए जाते हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते।

जिला कलेक्टर को बुलाने की मांग

नाराज छात्रों ने जिला कलेक्टर को मौके पर बुलाने की मांग की। प्रशासनिक अधिकारी जब तुरंत नहीं पहुंचे, तो छात्रों ने जिला अस्पताल के बाहर सड़क पर जाम लगा दिया। उन्होंने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगों का मौके पर समाधान नहीं होगा, तब तक वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण सड़क पर लंबा जाम लग गया और ट्रैफिक पूरी तरह से ठप हो गया। इस बीच, प्रशासनिक अधिकारी और छात्रों के बीच बातचीत का सिलसिला दोपहर तक जारी रहा। स्थिति को संभालने के लिए उपखंड अधिकारी एचडी सिंह मौके पर पहुंचे और छात्रों से बातचीत की। उन्होंने छात्रों की समस्याओं को सुना और समाधान का आश्वासन दिया। हालांकि, छात्रों का कहना था कि वे केवल आश्वासन से संतुष्ट नहीं होंगे और उनकी मांगों को तुरंत पूरा किया जाए।

डॉक्टरों का समर्थन

बूंदी जिला अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे छात्रों को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के डॉक्टरों का समर्थन मिला। डॉक्टर प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच पहुंचे और उनकी मांगों पर चर्चा की। मेडिकल स्टूडेंट्स ने अपनी मांगों पर जोर देते हुए कहा कि मृतक लोमेश के परिजनों को 5 करोड़ रुपए मुआवजा दिया जाए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।

छात्रों के आरोप


मेडिकल स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि कॉलेज से बूंदी आने-जाने के लिए बस का किराया तो वसूला जाता है, लेकिन छात्रों के लिए बस की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। उनका कहना था कि कॉलेज प्रशासन को बार-बार इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। छात्रों का मानना है कि प्रशासन की इस लापरवाही की वजह से लोमेश की जान गई।

प्रशासन के साथ सहमति


प्रदर्शन के दौरान एसडीएम एचडी सिंह से छात्रों की कई दौर की बातचीत हुई। आखिरकार, दोपहर करीब 3.30 बजे, कुछ मांगों पर सहमति बनी। प्रशासन ने निम्नलिखित आश्वासन दिए:

बस स्टैंड का निर्माण: अगले 4 से 6 महीने में कॉलेज तक जाने वाली सर्विस रोड पर एक आधुनिक बस स्टैंड बनाया जाएगा।
आर्थिक सहायता: मृतक के परिवार को मुआवजा देने का निर्णय कोर्ट के माध्यम से तय होगा। सहायता रोडवेज प्रबंधन, कॉलेज कोष या प्रशासन द्वारा दी जाएगी।
एंबुलेंस सुविधा: कॉलेज को एंबुलेंस की सुविधा दी जाएगी।
पुलिस चौकी: मेडिकल कॉलेज के पास एक पुलिस चौकी खोलने पर विचार किया जाएगा।
जांच समिति का गठन: कॉलेज फैकल्टी के खिलाफ छात्रों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए स्टेट लेवल कमेटी बनाई जाएगी। डॉ. प्रशांत हिसालकर और डॉ. अरविंद यादव पर लगे आरोपों की जांच के लिए छात्रों के बयान दर्ज किए जाएंगे।

शाम करीब 4 बजे, प्रशासन की ओर से दी गई सहमति और आश्वासनों के बाद छात्रों ने अपना धरना खत्म कर दिया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि अगर प्रशासन अपने वादों को पूरा नहीं करता है, तो वे आगे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।

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