पुणे पोर्शे कांड: 24 मई तक पुलिस हिरासत में भेजे गए नाबालिग किशोर के पिता विशाल अग्रवाल, अब तक 6 लोगों की हो चुकी गिरफ्तारी
By: Rajesh Bhagtani Wed, 22 May 2024 5:58:01
पुणे। पुणे पोर्श कांड के आरोपी नाबालिग लड़के के पिता विशाल अग्रवाल को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। पुणे सेशन कोर्ट के आदेश के तहत वो 24 मई तक पुलिस की हिरासत में रहेंगे। इस दौरान उनसे पूछताछ की जाएगी। विशाल अग्रवाल के साथ ही जितेश शेवनी, जयेश बोनकर को भी पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। अब तक इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। तीन आरोपियों को कल 24 मई तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया था और आज अन्य तीन लोगों को 24 मई तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है।
पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि पुलिस गैर इरादतन हत्या का मामला स्थापित करने का प्रयास कर रही है। इससे पहले, पुणे में कथित तौर पर अपनी महंगी कार से मोटरसाइकिल को टक्कर मारने वाले 17 वर्षीय लड़के को 7,500 रुपये के मुचलके और उसके दादा की ओर से उसे बुरी संगत से दूर रखने के आश्वासन पर जमानत दी गई थी। रविवार सुबह पुणे के कल्याणी नगर इलाके में जिस पोर्श कार से हादसा हुआ था उसे कथित तौर पर 17 वर्षीय किशोर चला रहा था। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने नाबालिग किशोर के बारे में दावा किया कि वह नशे में था।
ज्ञातव्य है कि विशाल अग्रवाल को मंगलवार को औरंगाबाद से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी से पहले विशाल ने पुलिस को चकमा देने की पूरी कोशिश की थी। इसकी साजिश उन्होंने अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद ही रच ली थी। लेकिन पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, जीपीएस और उनके रिश्तेदारों से मिली इनपुट के आधार पर धर दबोचा।
विशाल अग्रवाल अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद पुणे से फरार हो गए थे। पुलिस को चकमा देने के लिए उनके घर से तीन कारें निकली थीं। एक कार को वो खुद ड्राइव कर रहे थे, बची दो कारों को उनके ड्राइवर चला रहे थे। वो अपनी कार से मुंबई के लिए निकले, जबकि एक ड्राइवर गोवा, तो दूसरा कोल्हापुर की ओर निकल गया। इसके बाद उन्होंने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। दूसरे नंबर से परिवार के संपर्क में आ गए।
उन्होंने रास्ते में अपनी कार भी बदल ली। अपने एक दोस्त की कार लेकर छत्रपति संभाजीनगर की ओर निकल गए। इस दौरान दौड़ में अपने फार्म हाउस भी गए। बीच-बीच में अपने परिजनों को अपनी लोकेशन बताते रहे। सोमवार की रात वो अपने ड्राइवर के साथ संभाजीनगर के एक लॉज में रुके। इधर क्राइम ब्रांच उनके पीछे लगी रही। जीपीएस के जरिए उनके लोकेशन को ट्रेस किया गया. सीसीटीवी में उनकी फुटेज मिली, जिससे उनकी पहचान हो गई।