नासिक। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और राज्य के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे को जिला सत्र न्यायालय ने बड़ी राहत दी है। निचली अदालत ने दस्तावेजों से छेड़छाड़ के मामले में उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। जिला सत्र न्यायालय ने आज उस सजा को निलंबित कर दिया। इस फैसले के कारण उनकी विधान सभा की सदस्यता बनी रहेगी।
क्या है मामलाः माणिकराव कोकाटे पर आरोप है कि उन्होंने 1995 में महाडा योजना के तहत मुख्यमंत्री 10 प्रतिशत कोटा योजना के तहत मकान पाने के लिए झूठे दस्तावेज दिए थे। उन्होंने यह दावा करते हुए दो मकान खरीदे थे कि उनके पास मकान नहीं है और उनकी आय कम है। उन्होंने दूसरे लाभार्थियों को दिए गए दो मकान भी अपने नाम पर खरीदे। उन पर मकानों की रजिस्ट्री होने के बाद भी अनधिकृत निर्माण करने का आरोप है।
कोर्ट ने दो साल की दी है सजाः इस मामले में पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले ने कोकाटे बंधुओं और चार अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। 1997 में कोकाटे बंधुओं और चार अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। नासिक के जिला कनिष्ठ न्यायालय में 27 साल तक 10 गवाहों की जांच की गई। अंत में न्यायालय ने माणिकराव कोकाटे और उनके भाइयों को दोषी पाया। उन्हें दो साल की जेल और 50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गयी।
अब जिला सत्र न्यायालय ने माणिकराव कोकाटे और उनके भाई को दी गई दो साल की सजा को निलंबित कर दिया है। माणिकराव कोकाटे के वकील अविनाश भिड़े ने कहा "माणिकराव कोकाटे की सजा को निलंबित कर दिया गया है। हमारे आवेदन को आज अदालत ने मंजूरी दे दी है और सजा को निलंबित कर दिया गया है। यह स्थगन अपील लंबित रहने तक दिया गया है। याचिका दायर करने का कोई प्राधिकारी नहीं था, इसलिए उनकी याचिका अदालत ने रद्द कर दी है।"