नागालैंड में नागरिकों की हत्या: 30 सैन्यकर्मियों पर मुकदमा चलाने की राज्य की याचिका पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
By: Rajesh Bhagtani Tue, 16 July 2024 3:59:26
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नागालैंड सरकार की उस याचिका पर केंद्र और रक्षा मंत्रालय से जवाब मांगा है, जिसमें 30 सैन्यकर्मियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार करने को चुनौती दी गई है, जिन पर 2021 में राज्य में आतंकवादियों पर घात लगाने के असफल अभियान में 13 नागरिकों की हत्या करने का आरोप है।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सोमवार को राज्य सरकार की दलीलों पर गौर किया और केंद्र तथा केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को नोटिस जारी किए।
पीठ ने अब नागालैंड की याचिका पर सुनवाई के लिए 3 सितंबर की तारीख तय की है। पिछले साल अप्रैल में केंद्र सरकार ने राज्य के मोन जिले के ओटिंग में हुए असफल हमले में कथित रूप से शामिल सेना के जवानों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था।
राज्य सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट याचिका दायर की है। इस अनुच्छेद के तहत राज्य के मोन जिले में मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की जा सकती है।
राज्य सरकार ने एफआईआर दर्ज कराई थी और दावा किया था कि उसके पास मेजर सहित सैन्यकर्मियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, फिर भी केंद्र ने मनमाने ढंग से उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।
केंद्र सरकार के सक्षम प्राधिकारी ने बिना सोचे-समझे और जांच के दौरान राज्य पुलिस की विशेष जांच टीम द्वारा एकत्र की गई पूरी सामग्री को देखे बिना ही उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।
जुलाई 2022 में, शीर्ष अदालत ने आरोपियों की पत्नियों की दलीलों पर एक विशेष बल से संबंधित सैन्य कर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने पर रोक लगा दी थी, जिन्होंने दावा किया था कि उनके पतियों पर राज्य से अभियोजन के लिए अनिवार्य मंजूरी प्राप्त किए बिना मुकदमा चलाया जा रहा था।