मस्जिद-चर्च रास्ते में है तो RSS को मार्च की इजाजत क्यों नहीं?, मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के सेकुलरिज्म पर उठाए सवाल

By: Shilpa Fri, 20 Oct 2023 7:02:35

मस्जिद-चर्च रास्ते में है तो RSS को मार्च की इजाजत क्यों नहीं?, मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के सेकुलरिज्म पर उठाए सवाल

चेन्नई। मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की ओर से RSS को मार्च की परमिशन न दिए जाने के खिलाफ दायर अर्जी पर सुनवाई की। इस दौरान जस्टिस जी जयचंद्रन ने तमिलनाडु पुलिस को आदेश दिया कि वह आरएसएस के मार्चों के निकलने का इंतजाम करे। संघ ने 22 और 29 अक्टूबर को रैलियां निकालने की परमिशन मांगी थी, जिससे पुलिस ने इनकार कर दिया था।

मार्च के लिए परमिशन न देने का कारण बताते हुए तमिलनाडु पुलिस ने कहा कि मार्च के रूट पर मस्जिद और चर्च हैं। इसके अलावा रास्ते में जाम भी लग सकता है। अदालत ने कहा कि मार्च के लिए परमिशन न दिए जाने को लेकर इस तरह के तर्क देना ठीक नहीं है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। हालांकि अदालत ने तमिलनाडु पुलिस से कहा है कि वह मार्च की परमिशन दे, लेकिन यह भी तय करे कि पूरी व्यवस्था शांतिपूर्ण बनी रहे।

मार्च पर रोक लगाना सेक्युलरिज्म के खिलाफ


सुनवाई के दौरान मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि अगर रास्ते में मस्जिद है तो फिर आरएसएस को मार्च निकालने या जनसभाएं करने की परमिशन क्यों नहीं मिल सकती? इस तरह का तर्क देकर रोक लगाना तो सेक्युलरिज्म के खिलाफ है। मद्रास हाई कोर्ट ने कहा कि पहली बार में अनुमति देने से इनकार करने का राज्य का निर्णय राज्य में धर्मनिरपेक्ष और संवैधानिक सिद्धांतों के खिलाफ था। जस्टिस जी जयचंद्रन ने कहा कि राज्य ने केवल यह कहकर आरएसएस को अनुमति देने से इनकार कर दिया था कि उनके रास्ते में अन्य संरचनाएं और पूजा स्थल थे जो धर्मनिरपेक्षता के संवैधानिक सिद्धांत के खिलाफ था।

अदालत ने कहा, “मार्च निकालने की अस्वीकृति निश्चित रूप से शासन के धर्मनिरपेक्ष या लोकतांत्रिक सिद्धांत के अनुरूप नहीं है। यह न तो भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करता है और न ही उसका अनुपालन करता है। आरएसएस की समान विचारधारा को साझा नहीं करने वाले कुछ संगठनों के ढांचे, पूजा स्थल या कार्यालय के अस्तित्व का हवाला देकर, जुलूस और सार्वजनिक बैठक आयोजित करने के आरएसएस के अनुरोध को खारिज कर दिया गया है। यह आदेश धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के विपरीत है जो हमारे भारत के संविधान की नींव है।”

मार्च की अनुमति के लिए कोर्ट पहुंची थी RSS


आरएसएस ने अपने रूट मार्च की अनुमति देने के लिए तमिलनाडु सरकार को निर्देश देने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, मामले के पेंडिंग रहने के दौरान राज्य ने रैली निकालने के अनुरोध को पूरी तरह से ठुकरा दिया था। हालांकि, परिस्थितियों पर विचार करते हुए, अदालत ने अस्वीकृति आदेश पर ही गौर करना उचित समझा।

अदालत ने कहा कि हालांकि राज्य ने रूट मार्च की अनुमति को अस्वीकार करने के लिए कुछ कारण दिये थे लेकिन वे केवल सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार/अवहेलना करने के लिए थे और राज्य मशीनरी की अक्षमता को उजागर करते थे।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com