भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण हालात लगातार बने हुए हैं। ऐसे में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने कश्मीर की स्थिति और भारत-पाक तनाव को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है। शनिवार, 10 मई को उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए मौजूदा हालात पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
इल्तिजा मुफ्ती ने अपने पोस्ट में लिखा: “श्रीनगर में इस वक्त लगातार धमाकों की आवाजें आ रही हैं। यह पागलपन आखिर कब थमेगा? दो परमाणु संपन्न राष्ट्र एक भीषण युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं। जो लोग इस तबाही और हिंसा को महिमामंडित कर रहे हैं, उनकी आवाजें समझदारी और शांति की पुकार को दबा रही हैं। लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि शांति की कामना करना आपको कम भारतीय नहीं बनाता — यही आपको एक बेहतर इंसान बनाता है।”
इल्तिजा की यह अपील ऐसे वक्त में सामने आई है जब कश्मीर, विशेष रूप से श्रीनगर, में सुरक्षा व्यवस्था बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है और लगातार धमाकों और झड़पों की खबरें आ रही हैं। आम नागरिकों के मन में भय और असुरक्षा की भावना स्पष्ट देखी जा रही है।
महबूबा मुफ्ती ने भारत से मांगी एशियाई नेतृत्व की जिम्मेदारी
इल्तिजा की तरह ही, उनकी मां और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी इस मामले में भारत से सक्रिय शांति पहल की अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि भारत को इस समय नेतृत्वकारी भूमिका निभानी चाहिए।
महबूबा मुफ्ती ने कहा: “हालांकि शुरुआत में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे. डी. वांस ने कहा था कि अमेरिका इस तनाव में एक सीमा से अधिक हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन वर्तमान में हालात की गंभीरता को देखते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख से संपर्क कर तनाव कम करने की अपील की है।” उन्होंने आगे कहा कि भारत, जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, सबसे अधिक जनसंख्या वाला राष्ट्र और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, उसे ऐसे समय में अस्थिर अंतरराष्ट्रीय समर्थन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसके बजाय भारत को एशिया में अपनी कूटनीतिक ताकत का प्रदर्शन करते हुए तनाव कम करने के प्रयास खुद करने चाहिए।
महबूबा मुफ्ती ने अंत में जोर देते हुए कहा: “दुनिया इस वक्त भारत को देख रही है। यह वह समय है जब हमें यह दिखाना होगा कि हमारी असली ताकत परमाणु हथियारों में नहीं, बल्कि शांति, संयम और 'सॉफ्ट पावर' में है।”