कांग्रेस सांसद इमरान मसूद का वक्फ कानून को लेकर दिया गया बयान सियासी हलकों में एक नया विवाद पैदा कर रहा है। हैदराबाद में ऑल इंडिया मुस्लिम मिली काउंसिल के एक कार्यक्रम में मसूद ने कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो वक्फ कानून में बदलाव “घंटे भर में” किया जाएगा। उनका यह बयान बीजेपी प्रवक्ता यासिर जिलानी द्वारा कड़ी आलोचना का कारण बना, जिन्होंने इसे देश के सामाजिक सौहार्द के लिए खतरनाक बताया। इमरान मसूद ने कहा, 'अगर मस्जिदें नहीं बचेंगी तो नमाज कहां पढ़ेंगे? कब्रिस्तान नहीं होंगे तो दफन कहां करेंगे? ईदगाहों का क्या होगा? हम सत्ता में आए तो नए वक्फ कानून का इलाज घंटे भर में कर देंगे।' उन्होंने आगे कहा, 'इस समय समंदर में तूफान है और तूफान का मुकाबला बड़ी कश्तियां करती हैं, छोटी नावें नहीं।' उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे एकजुट होकर बड़े संघर्ष के लिए तैयार रहें।
इमरान मसूद के बयान पर BJP प्रवक्ता यासिर जिलानी ने किया तीखा पलटवार
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के वक्फ कानून को लेकर दिए गए बयान पर BJP प्रवक्ता यासिर जिलानी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जिलानी ने कहा, 'इमरान मसूद जैसे आपराधिक मानसिकता वाले नेता देश की शांति और भाईचारे के लिए एक बड़ा खतरा हैं।' उन्होंने आरोप लगाया कि मसूद ने अकबरुद्दीन ओवैसी से भी आगे बढ़कर भड़काऊ बयान दिए हैं। जिलानी ने यह भी कहा कि मसूद जैसे नेता गरीब मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा उठाए गए वक्फ संपत्तियों से संबंधित कदमों की सराहना करते हुए कहा, 'वंचित और शोषित मुसलमान सरकार की नीतियों से खुश हैं। जैसा पहले था, वैसा ही रहेगा, यह सरकार के वरिष्ठ नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है।'
BJP प्रवक्ता ने मुसलमानों से की FIR की अपील
जिलानी ने इमरान मसूद पर निशाना साधते हुए कहा कि जो नेता खुद तुक्के में चुनाव जीतते हैं, वे अब गरीब मुसलमानों को आंदोलन की आग में झोंकने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मुसलमानों से अपील की, 'हर शहर और जिले में इमरान मसूद के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाए। जो लोग वक्फ संशोधन कानून के नाम पर दंगा भड़काना चाहते हैं, उन्हें कानून का सामना करना चाहिए।'
उन्होंने आगे कहा कि पिछली बार CAA और NRC के खिलाफ हुए आंदोलनों के दौरान भी कुछ ऐसे ही नेताओं ने मुसलमानों को बहकाया था, जिसके कारण उन पर मुकदमे दर्ज हुए थे। अब समय है कि मुस्लिम समाज जागरूक हो और भड़काऊ नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।