HC के जस्टिस एस. मुरलीधर ने दिल्ली हिंसा पर पुलिस को लगाई थी फटकार, हुआ तबादला
By: Pinki Thu, 27 Feb 2020 07:51:27
देश की राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई। इसके साथ ही यह भी आदेश दिया कि भड़काऊ भाषण देने के आरोप में बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। हालाकि, अब दिल्ली पुलिस को फटकार लगाने वाले जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला दिल्ली हाईकोर्ट से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कर दिया गया है। केंद्रीय कानून मंत्रालय की तरफ से जारी गजट नोटिफिकेशन में कहा गया है कि सीजेआई एस। ए। बोबडे की सलाह पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस एस। मुरलीधर को पंजाब ऐंड हरियाणा हाई कोर्ट में ट्रांसफर किया है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने जस्टिस मुरलीधर को पंजाब ऐंड हरियाणा हाई कोर्ट में बतौर जज पद संभालने का निर्देश दिया है।
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Supreme Court Collegium, in its meeting held on February 12 (Wednesday) had recommended the transfer of Delhi High Court judge, Justice S Muralidhar to Punjab and Haryana High Court. https://t.co/lJBTbxYaqe
— ANI (@ANI) February 26, 2020
जानकारी के मुताबिक सीजेआई की अगुआई वाले सुप्रीम कोर्ट के कलीजियम ने 12 फरवरी को हुई अपनी बैठक में जस्टिस मुरलीधर को पंजाब ऐंड हरियाणा हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश करने का फैसला लिया था। कलीजियम के इस फैसले का दिल्ली हाई कोर्ट बार असोसिएशन ने विरोध किया था।
जस्टिस मुरलीधर 29 मई 2006 को दिल्ली हाई कोर्ट के जज बने थे और यहां कई अहम फैसलों को सुनाने वाली बेंच का हिस्सा रहे। वह उस बेंच का भी हिस्सा थे जिसने आईपीसी की धारा 377 को गैरआपराधिक घोषित किया था। वह दिल्ली हाई कोर्ट में वरिष्ठता में तीसरे नंबर पर थे जबकि पंजाब ऐंड हरियाणा हाई कोर्ट में वह वरिष्ठता में चीफ जस्टिस रवि शंकर झा के बाद दूसरे नंबर पर होंगे।
बुधवार को जस्टिस मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह की डिविजन बेंच ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसियों की तरफ से ऐक्शन लेने में देरी पर चिंता जताई थी। इस हिंसा में अबतक 27 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब 200 लोग जख्मी हैं। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि दिल्ली में दूसरे '1984' को नहीं होने देंगे।