राजधानी देहरादून में मंगलवार को उस समय हंगामा मच गया जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच ईडी कार्यालय के बाहर जोरदार झड़प हो गई। कांग्रेस कार्यकर्ता अपने नेताओं के खिलाफ ईडी द्वारा कथित रूप से की जा रही कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। यह प्रदर्शन जल्द ही उग्र रूप ले लिया, और कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ते हुए ईडी कार्यालय के मुख्य द्वार तक पहुंचकर नारेबाजी की।
प्रदर्शन सुबह करीब 11 बजे शुरू हुआ, जब बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता राज्य कार्यालय से रैली के रूप में ईडी कार्यालय की ओर बढ़े। कांग्रेस पार्टी का आरोप था कि ईडी केंद्रीय सरकार के इशारे पर विपक्षी नेताओं को परेशान कर रही है। जैसे ही कार्यकर्ता ईडी कार्यालय के पास पहुंचे, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन कार्यकर्ता उग्र हो गए और बैरिकेड्स को धक्का देकर गिरा दिया। कई कार्यकर्ता तो गेट पर चढ़ गए और वहां से 'ईडी वापस जाओ' और 'तानाशाही नहीं चलेगी' जैसे नारे लगाने लगे।
पुलिस ने बल प्रयोग कर स्थिति को काबू किया
इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। पुलिस को स्थिति को काबू में करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा और कई स्थानों पर हल्का लाठीचार्ज भी किया गया, ताकि भीड़ को पीछे धकेला जा सके। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी मौके पर तैनात किया गया। अब ईडी कार्यालय के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं और पूरे इलाके को छावनी में बदल दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस प्रदर्शन की पूर्व सूचना नहीं दी गई थी, जिस कारण व्यवस्था अचानक संभालनी पड़ी। कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। वहीं, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण था, लेकिन पुलिस ने जबरन उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे हालात बिगड़ गए।
कांग्रेस प्रवक्ता का बयान
कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने बयान जारी करते हुए कहा, "ईडी का इस्तेमाल मोदी सरकार द्वारा विपक्ष को डराने के लिए किया जा रहा है। हम अपने नेताओं के साथ खड़े हैं। लोकतंत्र में विरोध करना हमारा अधिकार है, और अगर हमें चुप कराने की कोशिश की गई तो हम और मजबूती से सड़कों पर उतरेंगे।"
ईडी कार्यालय के बाहर तनावपूर्ण शांति
फिलहाल, ईडी कार्यालय के बाहर तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है और लोगों की आवाजाही पर निगरानी रखी जा रही है। पुलिस स्थिति पर कड़ी निगरानी रखे हुए है और अफवाहों से बचने के लिए लोगों से संयम बरतने की अपील की जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना से उत्तराखंड की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है, खासकर तब जब आने वाले महीनों में राज्य में कई अहम राजनीतिक गतिविधियां होने वाली हैं। कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि अगर उनके नेताओं को ईडी या अन्य केंद्रीय एजेंसियों के जरिए डराने की कोशिश की गई, तो वे पूरे राज्य में आंदोलन करेंगे।