Budget 2025: न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की आमदनी को टैक्स फ्री करने की घोषणा, पर इसमें है एक ट्विस्ट; जानें
By: Sandeep Gupta Sun, 02 Feb 2025 11:17:35
यूनियन बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की सालाना आमदनी को पूरी तरह से टैक्स फ्री करने की घोषणा की है, जिससे इस पर बहुत चर्चा हो रही है। हालांकि, अगर आपने इस बात को सही मान लिया है तो आपको थोड़ा और ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि यह जानकारी थोड़ी गलत हो सकती है।
आइए जानते हैं कि असल में क्या हो रहा है:
इस घोषणा के तहत, धारा 87A के तहत 12 लाख तक की आमदनी को टैक्स फ्री किया गया है, लेकिन इसका एक महत्वपूर्ण पहलू है। स्पेशल रेट इनकम जैसे लॉटरी, इक्विटी से कमाई, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG), और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) को इस राहत में नहीं शामिल किया गया है। यह इनकम टैक्स की विशेष श्रेणी में आती है, और इन पर अलग टैक्स नियम लागू होते हैं।
इस पूरी गणित को इस तरह से समझिए:
मान लीजिए आपकी सालाना आमदनी आठ लाख रुपये है, और उस साल आपको तीन लाख 50 हजार रुपये की कमाई लॉटरी से हुई है। अब, आपकी कुल आमदनी 8 लाख रुपये है, लेकिन इसमें से 3 लाख 50 हजार रुपये लॉटरी से आई है, जो स्पेशल रेट इनकम मानी जाती है। इस स्थिति में आपकी इनकम टैक्स जीरो नहीं होगा, क्योंकि लॉटरी से हुई कमाई पर स्पेशल टैक्स रेट लागू होता है।
कैसे?
इस उदाहरण में, 3 लाख 50 हजार रुपये पर आपको 10 फीसदी का टैक्स देना होगा। यानी आपको उस 3.5 लाख रुपये पर 35 हजार रुपये का टैक्स भरना होगा। बाकी की आमदनी पर, जैसे की आपकी सामान्य आमदनी और शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन से हुई कमाई, इनमें से कोई भी कैपिटल गेन जो 12 लाख रुपये तक होने पर भी स्पेशल टैक्स रेट के तहत आएगा, उस पर भी आपको टैक्स देना होगा। शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का टैक्स कैलकुलेशन धारा 111 ए और धारा 112 के तहत होता है। इन पर धारा 87 ए के प्रावधान लागू नहीं होते, जिससे इनकम टैक्स की राहत का लाभ इन पर नहीं मिल सकता। इसलिए, अगर आपकी आमदनी 12 लाख रुपये से कम भी हो, और उसमें लॉटरी या कैपिटल गेन से आय शामिल हो, तो उस आय पर आपको टैक्स का भुगतान करना ही पड़ेगा।
बजट में मिले 87-ए के रिबेट को ऐसे समझिए:
हर जगह चर्चा हो रही है कि न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख तक की आमदनी को टैक्स फ्री किया गया है। लेकिन इस तकनीकी पहलू को समझना जरूरी है, ताकि आप पूरी जानकारी पा सकें। इंकम टैक्स एक्ट की सेक्शन 87-ए के तहत, चार लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता है। इसके बाद, चार से आठ लाख रुपये तक की आमदनी पर 5 फीसदी टैक्स लगता है, जो कुल मिलाकर 20,000 रुपये तक हो सकता है। फिर, 8 से 12 लाख रुपये तक की आमदनी पर 10 फीसदी टैक्स लगता है, जिससे कुल टैक्स 60,000 रुपये तक हो सकता है। अब इस बजट में, 87-ए के तहत 60,000 रुपये तक के टैक्स पर रिबेट दिया गया है। इसका मतलब यह है कि, अगर आपकी आमदनी 12 लाख रुपये तक है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।
लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि 87-ए के तहत रिबेट शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन या लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर लागू नहीं होता। अगर आपकी आमदनी में लॉटरी या कैपिटल गेन की आय शामिल है, तो आपको टैक्स देना ही पड़ेगा, भले ही आपकी कुल आमदनी 12 लाख रुपये से कम हो। जिन लोगों को 87-ए के तहत रिबेट मिलेगा, उन्हें यह रिबेट तभी मिलेगा जब वे अपनी आईटीआर (Income Tax Return) भरेंगे। इसके बाद, रिबेट का पैसा आईटीआर फाइल करने वाले के बैंक अकाउंट में भेजा जाएगा। इसलिए, यदि आपकी आमदनी 12 लाख रुपये तक है, तो आप टैक्स फ्री होने के हकदार हो सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि स्पेशल इनकम पर यह रिबेट लागू नहीं होता।