असम-मिजोरम सीमा तनाव: दोनों राज्यों की पुलिस और नागरिक भिड़े, आंसू गैस और लाठियां चलीं; 6 जवानों की गई जान

By: Pinki Mon, 26 July 2021 8:44:34

असम-मिजोरम सीमा तनाव: दोनों राज्यों की पुलिस और नागरिक भिड़े, आंसू गैस और लाठियां चलीं; 6 जवानों की गई जान

गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के ठीक एक दिन बाद सोमवार को असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद का मुद्दा और भड़क उठा। दोनों राज्यों की पुलिस और नागरिकों के बीच झड़पें हुई हैं। दोनों तरफ से पहले लाठियां चलीं, मामला बढ़ा तो पुलिस ने आंसू गैस छोड़े। इस बीच फायरिंग भी हुई। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने दावा किया है कि इस तनातनी में अब तक 6 असम पुलिस के जवान जान गंवा चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने के निर्देश दिए हैं। कछार जिले के एसपी वैभव निंबालकर चंद्रकार घायल हो गए हैं। दोनों तरफ से तनाव की स्थिति बनी हुई है।

इधर, असम पुलिस ने कहा कि, 'यह दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि मिजोरम से कुछ असामाजिक तत्‍व असम के सरकारी अधिकारियों पर पथराव कर रहे हैं। ये अधिकारी लैलापुर में राज्य की जमीन की अतिक्रमण से रक्षा करने के लिए तैनात हैं।'

मिजोरम के तीन जिले - आइजोल, कोलासिब और ममित - असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों के साथ लगभग 164।6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं। दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद पुराना है और इससे निपटने के लिए 1995 के बाद से कई वार्ताएं हुई, लेकिन इनका कोई फायदा नहीं हुआ। विवाद की अहम वजह यह है कि सीमा को लेकर दोनों राज्य अलग-अलग नियम मानते हैं। मिजोरम जहां बंगाल पूर्वी सीमांत नियम, 1873 के तहत 1875 में अधिसूचित 509 वर्ग मील के आरक्षित वन क्षेत्र के अंदरुनी हिस्से को सीमा मानता है, वहीं असम 1933 में तय संवैधानिक नक्शे को मानता है।

दोनों राज्‍यों के बीच सीमा विवाद तब उपजा जब असम पुलिस ने अपनी जमीन पर कथित तौर पर अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान शुरू किया। 10 जुलाई को जब असम सरकार की टीम मौके पर गई तो उस पर अज्ञात लोगों ने आईईडी से हमला कर दिया था। इसके बाद यहां विवाद बढ़ गया और दोनों तरफ से पुलिस तैनात कर दी गई।

शाह ने की थी 8 राज्यों के साथ बैठक

सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विवाद पर असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों से बात की है। उन्होंने दोनों से सीमा मुद्दे को शांति के साथ हल करने को कहा है। दोनों राज्यों की पुलिस विवादित स्थल से लौट चुकी हैं।

गृह मंत्री अमित शाह ने एक दिन पहले ही नॉर्थ-ईस्ट राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सीमा विवाद को लेकर शिलांग में मीटिंग की थी। इसमें असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और सिक्किम के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख शामिल हुए थे।

दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री के बीच ट्विटर वार

इस बीच मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने पुलिस और आम लोगों के बीच हुई झड़प का एक वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया है। उन्होंने इस वीडियो के साथ गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी टैग करते हुए फौरन दखल देने की मांग की है। मिजोरम के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि असम की पुलिस ने आम लोगों पर आंसू गैस के गोले और लाठियां बरसाई हैं।

इधर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को टैग करते हुए लिखा, 'मैंने अभी-अभी मिजोरम के CM जोरामथंगा जी से बात की है। असम दोनों राज्य की सीमाओं के बीच यथा स्थिति और शांति बनाए रखेगा। जरूरत पड़ी तो मैं खुद बात करने के लिए आइजोल जाऊंगा।'

शर्मा ने एक और ट्वीट किया, जोरमथंगा जी, कोलासिब (मिजोरम) के SP ने हमसे कहा है कि जब तक हम अपनी पोस्ट से पीछे नहीं हट जाते तब तक उनके नागरिक हिंसा नहीं रोकेंगे। ऐसे हालात में सरकार कैसे चला सकते हैं?' इसके बाद उन्‍होंने अमित शाह और प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करते हुए लिखा है, 'आशा है कि आप जल्‍द से जल्‍द दखल देंगे।'

इस ट्वीट के जवाब में जोरमथंगा ने ट्वीट किया, हिमंत जी, अमित शाह जी ने दोनों मुख्‍यमंत्रियों की सौहार्दपूर्ण बैठक कराई थी। उसके बाद आश्‍चर्यजनक रूप से आज मिजोरम में वेरिंगटे ऑटो रिक्‍शा स्‍टैंड के पास असम पुलिस की दो कंपनियां नागरिकों के साथ आईं और वहां मौजूद नागरिकों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठी चार्ज किया। उन्‍होंने सीआरपीएफ और मिजोरम पुलिस के जवानों को भी भगा दिया।

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