किसान संगठनों का दावा, आंदोलन के दौरान अब तक 20 किसानों की हुई मौत, 20 दिसंबर को देंगे श्रद्धांजलि
By: Pinki Wed, 16 Dec 2020 09:50:17
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का आज 21वां दिन है। कृषि कानून के मसले पर सरकार और किसानों के बीच चल रहा गतिरोध जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने सरकार पर उनके समुदाय के लिए सहानुभूति में कमी होने का आरोप लगाया है और उन किसानों के लिए एक दिन के शोक की घोषणा की है, जिनकी वो आंदोलन के दौरान मृत्यु होने का दावा कर रहे हैं। 35 किसान संगठनों ने कहा है कि जब से यह अभियान शुरू हुआ है तब से लेकर अब तक 20 किसानों की मृत्यु हो चुकी है। भारतीय किसान यूनियन (सिद्धपुर) के अध्यक्ष जगजीत सिंह ने कहा, '26 नवंबर से शुरू हुए इस आंदोलन के बाद से हर दिन औसतन एक किसान की मौत हुई है। हम देश के सभी गांवों में 20 दिसंबर को इस दौरान शहीद हुए सभी किसानों को श्रद्धांजलि देंगे। जब उनके नाम और तस्वीरें गांवों में पहुंचेगी तो हमारे संघर्ष में जुड़ने के लिए और लोग सामने आएंगे।'
मंगलवार को पंजाब के मोहाली और पटियाला जिलों में और उसके आसपास दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में चार किसानों की मौत हो गई। इन किसानों की मौत का मामला मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पर चर्चा का विषय बना रहा, जहां गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तराखंड के किसान भी आंदोलन में शामिल होने पहुंचे।
मंगलवार को जिस दिन किसान संगठनों ने अपनी योजनाओं की घोषणा की, उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसान संगठन और कभी खुद ही इन क़ानूनों की मांग करने वाला विपक्ष किसानों को भ्रमित कर रहा है। इसकी प्रतिक्रिया में किसानों ने सरकार पर किसान समुदाय के लिए सहानुभूति की कमी होने का आरोप लगाया।
किसान नेताओं ने ये भी कहा कि केंद्र पर उनके बनाए दबाव का ही नतीजा है कि सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र को रद्द करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सत्र रद्द कर सरकार विपक्ष के सवालों से बचना चाहती है।
भारतीय किसान संघ (टिकैत) के महासचिव युधवीर सिंह सेहरावत ने कहा, 'हमने प्रधानमंत्री को चुनकर उन्हें बोलने की शक्ति दी और पिछले 20 दिनों में अब तक उन्होंने हमारे लिए कुछ नहीं कहा।'
Around 20 farmers become 'shaheed' during protest so far. On average, one farmer has died every day since protest started: Farmer leaders
— Press Trust of India (@PTI_News) December 15, 2020
आपको बता दे, किसानों और सरकार के बीच में गतिरोध जारी है। किसान संगठन पीछे नहीं हट रहे हैं और सरकार के सामने अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। किसान आंदोलन को धार दे रहे हैं, अन्य राज्यों से भी दिल्ली किसान कूच कर रहे हैं। बुधवार को किसानों ने दिल्ली-नोएडा का चिल्ला बॉर्डर बंद करने की बात कही है। दूसरी ओर पीएम मोदी ने एक बार फिर कृषि कानूनों को किसानों के लिए हितकारी बताया है। पीएम मोदी ने कहा है कि विपक्ष किसानों को डरा रहा है और भड़काने की कोशिश कर रहा है।
People across villages, blocks to pay tribute on Dec 20 to farmers who lost their lives during agitation: Farmer leader Inderjeet tells media
— Press Trust of India (@PTI_News) December 15, 2020