अजमेर : दरगाह-ए-ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती पर पेश की गई PM मोदी की चादर, किरेन रिजिजू ने माँगी अमन-ओ-सुकून की दुआ

By: Rajesh Bhagtani Sat, 04 Jan 2025 1:01:02

अजमेर : दरगाह-ए-ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती पर पेश की गई PM मोदी की चादर, किरेन रिजिजू ने माँगी अमन-ओ-सुकून की दुआ

अजमेर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जानिब से भेजी गई चादर को अजमेर की मशहूर दरगाह-ए-ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती पर पेश किया गया। दरगाह से जुड़े हालिया इख्तिलाफ़ात (विवाद) के बीच शनिवार को वज़ीर-ए-अक़लियती उमूर और पार्लीमानी उमूर के वज़ीर (संसदीय कार्यमंत्री) किरेन रिजिजू इस चादर को लेकर दरगाह पहुंचे। यहाँ उन्होंने मुल्क में अमन-ओ-भाईचारे की दुआ की और बाद में वज़ीर-ए-आज़म का पैग़ाम भी पेश किया।

उन्हें अक्सर दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं मुश्किलात को कम करने के लिए एक ऐप और वेब पोर्टल का आग़ाज़ किया जा रहा है।" इससे पहले, जयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत करते हुए रिजिजू ने कहा, "वज़ीर-ए-आज़म की तरफ़ से चादर चढ़ाना, पूरे मुल्क की तरफ़ से पेश की गई चादर जैसा है। हमारा मक़सद मुल्क में बेहतर माहौल क़ायम करना है। अजमेर दरगाह पर लाखों जायरीन आते हैं और उन्हें अक्सर दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं मुश्किलात को कम करने के लिए एक ऐप और वेब पोर्टल का आग़ाज़ किया जा रहा है।"

रिजिजू ने बताया कि इस पोर्टल और 'गरीब नवाज़' ऐप के ज़रिये दरगाह पर मयस्सर सहूलतों और तमाम ज़रूरी मालूमात का तफ़्सील से ज़िक्र होगा। इसके साथ ही उन्होंने उर्स के लिए ऑपरेशन मैनुअल भी जारी करने का ऐलान किया।

रिजिजू ने बताया कि इस पोर्टल और 'गरीब नवाज़' ऐप के ज़रिये दरगाह पर मयस्सर सहूलतों और तमाम ज़रूरी मालूमात का तफ़्सील से ज़िक्र होगा। इसके साथ ही उन्होंने उर्स के लिए ऑपरेशन मैनुअल भी जारी करने का ऐलान किया।

दरगाह पर इस्तक़बाल और उर्स की शुरुआत

शनिवार सुबह करीब 11 बजे अजमेर सर्किट हाउस में भाजपा के अरकान और दीगर शख्सियात ने किरेन रिजिजू का इस्तक़बाल किया।

इससे पहले 1 जनवरी को, शहर काज़ी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी और कमेटी के अरकान ने उर्स का ऐलान किया। उर्स की शुरुआत बड़े पीर साहब की पहाड़ी से तोप के गोले दागकर की गई। 2 जनवरी को, सुबह के वक्त, वज़ीर-ए-मर्कज़ी चिराग़ पासवान, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार और बॉलीवुड के नुमाइंदों की तरफ़ से भी चादर पेश की गई।

खुलूस और भाईचारे का पैग़ाम

दरगाह-ए-ख्वाजा में हर साल लाखों जायरीन मुल्क-ओ-मिल्लत की सलामती और अमन के लिए दुआ करते हैं। इस साल वज़ीर-ए-आज़म की जानिब से पेश की गई चादर ने भी इस पैग़ाम को एक नए अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश की। दरगाह पर हर इंसान को इंसानियत और मुहब्बत का पैग़ाम मिलता है।

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