अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक महत्वपूर्ण मांग की है। उन्होंने अजमेर को राष्ट्रीय जैन तीर्थ स्थल घोषित करने के लिए प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा है। उनका मानना है कि ऐसा होने से अजमेर में सांप्रदायिक सद्भाव को और बढ़ावा मिलेगा।
दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने कहा कि भारत में अनेकों धर्मों और समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का संगम है, और देश की पावन भूमि पर अनगिनत ऋषियों, संतों और महान विभूतियों ने मानवता के लिए अनमोल योगदान दिया है। अजमेर का स्थान इस संदर्भ में बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह दुनिया भर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। साथ ही, जगत पिता ब्रह्मा का तीर्थ अजमेर की धार्मिक और ऐतिहासिक प्रतिष्ठा को और भी बल देता है।
दीवान ने यह भी बताया कि 6 फरवरी को देशभर में सभी जैन समाज द्वारा आचार्य 108 विद्यासागर महाराज की पुण्यतिथि मनाई जाएगी। आचार्य विद्यासागर महाराज अपनी कठोर तपस्या, त्याग और मानव सेवा के लिए प्रसिद्ध थे। उनके महान विचार हमेशा से संपूर्ण मानव समाज के लिए मार्गदर्शक रहे हैं।
दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन ने कहा कि आचार्य विद्यासागर महाराज ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत अजमेर से ही की थी और यहीं पर उन्होंने दीक्षा ली थी। इस पुण्य भूमि को देखते हुए अजमेर जैन समाज के लिए न केवल एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि आचार्य विद्यासागर महाराज की जन्मस्थली के रूप में भी प्रतिष्ठित है। इसलिए, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि अजमेर को राष्ट्रीय जैन तीर्थ स्थल घोषित किया जाए।
दीवान ने यह भी कहा कि इस निर्णय से न केवल आचार्य विद्यासागर महाराज के प्रति सच्चा सम्मान व्यक्त होगा, बल्कि भारत की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को और भी सम्मान मिलेगा। इसके साथ ही, अजमेर को जैन धर्म के तीर्थ स्थल का दर्जा मिलने से सांप्रदायिक सद्भाव और धार्मिक सौहार्द को भी अधिक बल मिलेगा।
इसके अलावा, 5 और 6 फरवरी को गुरु गुणानुवाद महोत्सव के आयोजन की घोषणा की गई है, जो जैन संत आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज के प्रथम समाधि दिवस पर अजमेर में मनाया जाएगा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग अजमेर में एकत्रित होंगे और विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा। अजमेर जैन समाज इस महोत्सव की तैयारी में जुट चुका है, और दरगाह दीवान का यह बयान चर्चा का विषय बना हुआ है।