गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को एक बड़ा विमान हादसा हुआ, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस दर्दनाक विमान हादसे में क्रू मेंबर समेत कुल 242 लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। मृतकों की लिस्ट में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का नाम भी शामिल है, जिससे इस हादसे की गंभीरता और अधिक बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि यह दिल दहला देने वाला हादसा टेक-ऑफ के ठीक तुरंत बाद हुआ और किसी भी यात्री को जान बचाने का मौका नहीं मिल सका।
इस दुर्घटना के पीछे असली वजह क्या थी, इसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक विमान के क्रैश होने से ठीक पहले पायलट ने ATC (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) को रेडियो पर इमरजेंसी सिग्नल भेजा था, जिसमें उसने ‘MAYDAY’ कॉल दी थी, जो एक गंभीर संकट की सूचना मानी जाती है।
विमान हादसे को लेकर DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) की ओर से प्रारंभिक जानकारी साझा की गई है। रिपोर्ट के अनुसार विमान ने दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। टेक-ऑफ के कुछ सेकंड बाद ही विमान ने नजदीकी एटीसी को MAYDAY कॉल दी थी। इसके बाद अचानक रेडियो पर कोई सिग्नल प्राप्त नहीं हुआ और चंद मिनटों के भीतर विमान क्रैश होकर नीचे गिर गया। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये MAYDAY कॉल क्या होती है और इसे किस स्थिति में दिया जाता है?
MAYDAY Call क्या होती है और कब दी जाती है?
जानकारों के मुताबिक, हादसे के ठीक पहले एयर इंडिया की फ्लाइट के पायलट ने इमरजेंसी रेडियो सिग्नल – MAYDAY कॉल – दी थी, लेकिन इसके बाद फ्लाइट रेडियो से पूरी तरह शांत हो गई। दरअसल, MAYDAY कॉल एक इंटरनेशनल इमरजेंसी मैसेज होता है, जिसे केवल अत्यंत गंभीर परिस्थितियों में उपयोग किया जाता है। जैसे कि विमान के एक या अधिक इंजन फेल हो जाना, फ्लाइट में आग लग जाना, हाईजैक की स्थिति बन जाना, या हवा में किसी अन्य विमान से टकराने का बड़ा खतरा होना।
ऐसी जानलेवा स्थिति में पायलट लगातार तीन बार रेडियो पर बोलता है – “MAYDAY MAYDAY MAYDAY”। यह कॉल उस क्षण के लिए किसी भी मजाक या सामान्य वार्तालाप से ऊपर मानी जाती है, और नजदीकी एयर ट्रैफिक कंट्रोल, अन्य विमानों और फ्लाइट क्रू के लिए यह एक संकेत होता है कि विमान गंभीर संकट में है और उसे तत्काल सहयोग की आवश्यकता है।
MAYDAY कॉल के बाद क्या कदम उठाए जाते हैं?
जब कोई विमान MAYDAY कॉल देता है, तो इसके बाद पायलट उपलब्ध समय में विमान की स्थिति और खतरे की गंभीरता को एटीसी से साझा करता है। इससे एटीसी तुरंत हरकत में आकर संबंधित एयरपोर्ट अथवा रेस्क्यू सिस्टम को अलर्ट पर ले आता है।
इस स्थिति में कंट्रोल रूम की ओर से हर आपातकालीन संसाधन सक्रिय कर दिया जाता है – जैसे एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, मेडिकल टीम और इमरजेंसी लैंडिंग की तैयारी। रनवे को तत्काल खाली कराया जाता है और आस-पास के विमानों को निर्देश दिया जाता है कि वो दूरी बनाए रखें। यह पूरी प्रक्रिया बेहद तेजी से की जाती है ताकि संकटग्रस्त विमान को बचाया जा सके। लेकिन दुर्भाग्यवश, अहमदाबाद हादसे में MAYDAY कॉल के कुछ सेकंड बाद ही विमान क्रैश हो गया और कोई भी यात्री बच नहीं सका।