ओवर थिकिंग के भंवर में डूबकर ना करें खुद का नुकसान, इन 5 तरीकों से बदले अपनी सोच

By: Ankur Sat, 22 Jan 2022 8:21:38

ओवर थिकिंग के भंवर में डूबकर ना करें खुद का नुकसान, इन 5 तरीकों से बदले अपनी सोच


किसी चीज के बारे में सोचना अच्छी बात हैं लेकिन इसके बारे में ज्यादा सोचना आपके दिमाग पर असर डालते हुए आपको एक सोच के भंवर में फंसा देता हैं जिसे ओवर थिंकिंग कहते हैं। इसके कारण से आप खुद को नकारात्मकता की और ले जाते हैं और निराशावादी बनाते हैं। ऐसे में आपको खुद के नुकसान से बचने के लिए ओवर थिकिंग से बचना चाहिए। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपके लिए कुछ ऐसे तरीके लेकर आए हैं जिनकी मदद से ओवर थिकिंग के भंवर से निकलने में मदद मिलेगी और आप अपने सोच के क्षेत्र का प्रसार कर सकते हैं और खुद को सकारात्मक बना सकते हैं। तो आइये जानते हैं इन तरीकों के बारे में...

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अधूरे कामों को करें पूरा

कुछ लोग ओवरथिंकिंग के चक्र से बचने के लिए अस्थायी समाधान का सहारा लेते हैं। इससे अस्थायी तौर पर तो राहत मिल सकती है, लेकिन इससे पूरी तरह निजात पाने के लिए कुछ कारगर तरीके अपनाने की जरूरत है। ओवरथिंकिंग की समस्या को हल करने पर ध्यान केंद्रित करें। इसके लिए जरूरी है कि आप अपना समय बेकार की चीजें सोचने में न लगा कर अपने काम पर लगाएं। अपने अधूरे पड़े कामों को पूरा करें। इससे आपको आगे के कार्यों के लिए प्रेरणा मिलेगी।

बेचैनी को समझें

जब आप ओवरथिंकिंग के भंवर में डूब रहे हों तो अपना ध्यान अपने शौक पर लगा सकते हैं। यानी अगर आपको संगीत सुनना, गाना पसंद है, तो इसमें अपना ध्यान लगा सकते हैं। या फिर खाना पकाने, डांस करने, टीवी शो देखने, लिखने, पेंटिंग करने या ऑनलाइन योग क्लास में शामिल होकर ओवरथिंकिंग में होने वाली व्याकुलता से मुक्ति पा सकते हैं। इस तरह आप अपने दिमाग को सक्रिय रखे सकेंगे।

सोचें अपने लक्ष्य के बारे में

दिन भर अपने विचारों में गुम रहने के बजाय आप एक समय निर्धारित कर सकते हैं जिसमें कोई एक समय अपने लक्ष्य के बारे में और अपनी अगली योजना के बारे में सोच सकते हैं। साथ ही आत्मनिरीक्षण और विश्लेषण कर सकते हैं।

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प्रकृति से रखें जुड़ाव

ओवरथिंकिंग अकेले में ज्यादा हावी होती है। ऐसे में उन चीजों से दूरी बनाएं जो आपको तनाव देती हैं या घबराहट पैदा करती हैं। इसके लिए आप दिन का कुछ समय मेडिटेशन का अभ्यास करें। शाम को वॉकिंग को अपने रूटीन में शामिल करें। प्रकृति में बिखरी शांति आपको सुकून देगी।

वर्तमान पर दें ध्यान

जब आप नकारात्मक सोचना शुरू करते हैं, तो इस नकारात्मकता के कारण को पहचानने की कोशिश करें। नकारात्मक विचार खुद पर हावी न होने दें। इन्हें अपने दिमाग से निकाल फेंकें। इसके लिए अपने आपको मानसिक तौर पर मजबूत बनाएं। यह सोचने में अपना समय बर्बाद न करें कि भविष्य में क्या होगा। नकारात्मक विचारों से निकल कर भविष्य के बारे में बेहतर सोचें। पुरानी यादों, नकारात्मक विचारों से ध्यान हटा कर वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करें।

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