उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में स्थित एक प्रसिद्ध प्राचीन शिव मंदिर, जनपद मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर, विकास खंड अमौली के चांदपुर गांव के नोन नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर सुरम्य वादियों और ऊंचे-ऊंचे टीलों के बीच एक अद्भुत स्थल है, जहां परम पिता शिव की रहस्यमयी सत्ता साक्षात विराजमान हैं। मंदिर की रहस्यमयी उत्पत्ति और भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करने के कारण, श्री गुढ़ेस्वर अखंड परम धाम भक्तों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है।
शिवरात्रि के दिन यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। यहां न केवल जिले से, बल्कि दूर-दराज के जनपदों से भी भक्त आते हैं और देवों के देव भगवान महादेव की कृपा प्राप्त कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति का आशीर्वाद लेते हैं।
इस मंदिर से जुड़ी एक ऐतिहासिक किंवदंती है, जिसके अनुसार मंदिर के पश्चिम दिशा में लगभग तीन किलोमीटर दूर एक घना जंगल हुआ करता था, जहां चरवाहे अपनी गायों को लेकर जाते थे। इनमें से एक मखना निषाद था, जो अपनी गायों को लेकर उसी जंगल में जाता था। उसकी एक गाय प्रतिदिन अपना दूध एक झाड़ी से घिरे हुए टीले में निकाल देती थी।
गांववासियों ने इस रहस्य को जानने की इच्छा जताई और जब उन्होंने खुदाई की, तो उन्हें एक रहस्यमयी और अद्भुत शिवलिंग मिला। इसके बाद, चांदपुर के सेठ मथुरा प्रसाद ने यहां मंदिर निर्माण की नींव रखी। भक्तों ने इस मंदिर की व्यवस्था संभाली और आज यहां कई मंदिरों का समूह स्थित है। मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही भक्तों में असीमित भक्ति भाव जाग्रत हो जाता है। शिव कृपा प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रदेशों से लोग यहां आते हैं। भक्तों की मनोकामना पूर्ण होने के बाद, वे यहां घंटा चढ़ाते हैं। महाशिवरात्रि के पर्व पर दूरदराज से कांवड़ियों के जत्थे आते हैं, क्योंकि शिव आराधना शक्ति प्रदान करने वाली, दुख नाशिनी और कल्याणकारी मानी जाती है। यही कारण है कि भक्त यहां खिचे चले आते हैं।
मंदिर के प्रमुख पुजारी, स्वामी शिव शिवानंद महाराज ने बताया कि भक्तों का मानना है कि जो भी व्यक्ति श्री गूढ़ेश्वर अखंड धाम में अपनी मनोकामना लेकर आता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। महाशिवरात्रि और सावन के महीने के सोमवार को दूसरे जनपदों से भक्त जलाभिषेक के लिए आते हैं, और यहां मेला भी आयोजित होता है।
मंदिर के व्यवस्थापक, मुन्ना सिंह ने बताया कि शिवरात्रि और सावन में यहां शिव भक्तों की भारी भीड़ होती है। दूर-दूर से लोग यहां शिव कृपा प्राप्त करने और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं। मनोकामनाएं पूरी होने पर भक्त यहां घंटा चढ़ाते हैं और भंडारों का आयोजन भी करते हैं। इस बार महाशिवरात्रि के अवसर पर भोले बाबा की कृपा पाने के लिए श्रद्धालु बेहद आतुर दिखाई दे रहे हैं। इस दिन शिवालय में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का भारी जन सैलाब उमड़ पड़ा है।
बता दें कि पूर्व सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री ने अपने कार्यकाल में सदर तहसील के सिद्धपीठ तांबेश्वर मंदिर, बिंदकी तहसील के गूढ़ेश्वर मंदिर चांदपुर और खागा तहसील के कुंडेश्वर मंदिर मंझिलगांव को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव पर्यटन मंत्रालय को भेजा था, जिस पर कार्य प्रगति पर है।