गेटवे ऑफ इंडिया से पहले का है होटल ताज, जानें इससे जुड़ी ये रोचक बातें
By: Neha Thu, 29 Dec 2022 1:04:33
इस विशाल भारत देश में आपको एक से बढ़कर इमारतें देखने को मिलती हैं जिनकी सुंदरता और विशेषताएं दुनियाभर में अपना लोहा बनवा चुकी हैं। आज इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं भारत के सबसे प्रसिद्द 5 स्टार होटल ताज की जिसे 26/11 अटैक के लिए भी याद किया जाता हैं। यह देश की पहली ट्रेडमार्क बिल्डिंग भी है। टाटा ग्रुप की इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) का सबसे बड़ा ब्रांड ‘ताज’ ही है। आप भी जब कभी मुंबई गए होंगे तो आपने इस होटल का दीदार बाहर से तो जरूर किया होगा। मुंबई जाने पर लोग इसके बाहर खड़े होकर फोटो जरूर खिंचवाते हैं। इस होटल के बारे में कई रोचक बातें हैं जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे। मुंबई स्थित ताज होटल बनने की कहानी बहुत दिलचस्प और रोचक है। तो आइये जानते हैं इसके बारे में...
ताजमहल के नाम पर रखा था नाम
16 दिसंबर, 1903 में 17 मेहमानों के लिए खुला 'ताज महल पैलेस' टाटा ग्रुप के फ़ाउंडर, जमशेदजी टाटा का सपना था। जमशेदजी टाटा ने आधुनिक भारत के लिए कई सपने देखे थे। उनमें से 'ताजमहल पैलेस' इकलौता ऐसा सपना है, जो उनके जीवनकाल में पूरा हो पाया। होटल का नाम 'ताजमहल' के नाम पर रखा गया है, जो आगरा शहर में स्थित है। होटल दो अलग-अलग इमारतों से बना है: ताजमहल पैलेस और टावर। ताज महल पैलेस 20वीं शताब्दी की शुरुआत में बनाया गया था। जबकि टावर 1973 में खोला गया। होटल ताजमहल पैलेस की शुरुआत भारतीय आर्किटेक्ट सीताराम खांडेराव वैद्य और डीएन मिर्जा की थी। इन्हीं के डिजाइन पर होटल का निर्माण हुआ। हालांकि, सीताराम की मृत्यु के बाद अंग्रेज आर्किटेक्ट डब्ल्यू ए चैंबर्स ने इसे पूरा करवाया।
क्यों बना होटल ताज
सबसे पहले जानना जरूरी है कि आखिर होटल ताज का निर्माण हुआ क्यों। बताया जाता है कि एक बार जेआरडी टाटा ब्रिटेन घूमने गए थे। वहां के वाटसन होटल में भारतीय होने के चलते उन्हें रुकने नहीं दिया। इस होटल में केवल गोरे लोगों की एंट्री थी। बस तभी उन्होंने ठान लिया कि एक ऐसे होटल का निर्माण करेंगे, जिसे भारतीय ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के लोग देखते रह जाएंगे। लेकिन इतिहासकार शारदा द्विवेदी अपनी किताब में बताती हैं-1896 के वक्त बंबई में प्लेग फैला था, लोग बंबई आने से झिझकते थे। ऐसे समय बंबई के प्रति अपना प्रेम दर्शाने के लिए जमशेदजी ने होटल ताज बनवाया था।
गेटवे ऑफ इंडिया से पहले का है ताजमहल होटल
गेटवे ऑफ इंडिया भले ही भारत की प्रमुख और प्राचीन स्मारक है, लेकिन जानकर आश्चर्य होगा कि होटल ताजमहल पैलेस का निर्माण इससे पहले ही हो गया था। जबकि गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण 1924 में हुआ था।
पहला ऐसा होटल जिसमें बिजली थी
मुंबई में 'गेटवे ऑफ़ इंडिया' के सामने खड़ा 'ताज होटल' ऐसी ही एक विशाल इमारत है। 16 दिसंबर 1903 को होटल खुला। मुंबई (तब बंबई) का यह पहला होटल था, जिसमें बिजली थी। देश का पहला ऐसा होटल था जिसे बार (हार्बर बार) और दिन भर चलने वाले रेस्त्रां का लाइसेंस मिला था। 1972 में देश की पहली 24 घंटे खुली रहने वाली कॉफी शॉप यहीं थी। ताज महल पैलेस में ही देश का पहला ऐसा रेस्त्रां है, जहां सबसे पहले AC रेस्त्रां बनाया गया था। ताज देश का पहला होटल था, जिसमें इंटरनेशनल स्तर का डिस्कोथेक था। जर्मन एलीवेटर्स लगाए गए थे। तुर्किश बाथ टब और अमेरिकन कंपनी के पंखे लगाए गए थे।
13 रूपए था होटल रूम का किराया
शायद आप नहीं जानते होंगे, लेकिन जिस होटल को आप महंगा मानते हैं, कभी उस होटल के सिंगल रूम का किराया 10 रुपए और पंखे व अटेच्ड बाथरूम वाले बाथरूम का किराया 13 रूपए हुआ करता था। आज उसी होटल में एक दिन ठहरने के लिए यात्री को कम से कम 25 हजार रुपए चुकाने पड़ते हैं।
फ्रेंच शेफ चलाते थे किचन, बटलर्स थे अंग्रेज
ताज देश का पहला ऐसा होटल था, जिसमें अंग्रेज बटलर्स हायर किए गए थे। शुरुआती चार दशकों तक होटल का किचन फ्रेंच शेफ ही चलाते थे। आतंकी हमले के बाद बराक ओबामा इस होटल में रुकने वाले पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष थे।
अस्पताल में बदल गया था होटल
कहते हैं प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारत का सबसे लग्जरी होटल अस्पताल में तब्दील हो गया था। बता दें कि विश्व युद्ध 1914 -1918 तक चला था। घायलों के इलाज के लिए करीबन 600 बेड यहां लगवाए गए थे।