
हमारे व्यस्त और भागदौड़ भरे जीवन में कुछ विशिष्ट व्रत और उत्सव ऐसे होते हैं जो हमें अपने प्रियजनों की उपस्थिति का अनमोल अनुभव कराते हैं। करवाचौथ ऐसा ही एक प्रेम, समर्पण और अटूट आस्था के धागे से बंधा हुआ पर्व है। यह व्रत हर सुहागिन महिला के लिए अत्यंत विशेष महत्त्व रखता है। इस पवित्र दिन, महिलाएं दिनभर निराहार और निर्जल रहकर अपने जीवनसाथी की लंबी आयु और खुशहाली की कामना करती हैं।
ऐसे में, पतियों का भी यह दायित्व बन जाता है कि वे इस अद्वितीय अवसर पर अपनी पार्टनर को खास होने का अहसास कराएं। यदि आप इस बार अपनी प्रियतमा को अचंभित करने के लिए किसी मनमोहक और रूमानी ठिकाने की तलाश में हैं, तो करवाचौथ मनाने के लिए सुझाए गए ये 3 शानदार रोमांटिक गंतव्य आपको निश्चित रूप से पसंद आएंगे। इन जगहों पर आप दोनों चांद की दूधिया रोशनी में एक-दूसरे के साथ अविस्मरणीय पल बिताते हुए अपना व्रत खोल सकते हैं और प्रेम की नई स्मृतियां संजो सकते हैं।
करवाचौथ के लिए 3 सर्वश्रेष्ठ रूमानी ठिकाने
1. मुन्नार (केरल) – प्रकृति का आलिंगन
अगर आप करवाचौथ जैसे खास पर्व को किसी शांत, हरियाली से घिरे स्वर्ग में मनाने का सपना देखते हैं, तो मुन्नार आपके लिए सबसे परफेक्ट गंतव्य है। चाय के फैले हुए असंख्य बागानों से उठती सुगंध, नीले आसमान के नीचे तैरते बादल, और चारों ओर फैली हरियाली आपकी आत्मा को सुकून देती है। यहाँ का हर दृश्य किसी खूबसूरत पेंटिंग की तरह लगता है, जो आपको प्रकृति के और करीब ले जाता है।
मुन्नार में आप अपने जीवनसाथी के साथ चाय बागानों की कच्ची पगडंडियों पर हाथों में हाथ डालकर टहल सकते हैं, जहाँ हवा की हल्की ठंडक और चाय की पत्तियों की खुशबू रोमांस का एक नया एहसास कराती है। एराविकुलम नेशनल पार्क में घूमते हुए आप नीलगिरी ताहर जैसे दुर्लभ वन्यजीवों को देख सकते हैं और पहाड़ी घाटियों से गिरते झरनों की आवाज़ में खो सकते हैं।
अगर आप रोमांटिक पलों को और यादगार बनाना चाहते हैं, तो यहाँ की हाउसबोट राइड किसी सपने से कम नहीं। बैकवाटर्स की लहरों पर तैरती हाउसबोट में मोमबत्ती की रोशनी में डिनर करना और चांदनी रात में करवाचौथ का व्रत खुलवाना, यह अनुभव आपके रिश्ते को और गहराई देगा। हाउसबोट की छत पर बैठकर चांद को निहारते हुए एक-दूसरे के साथ बिताए वे पल आपकी यादों में हमेशा बसे रहेंगे।
खाने के शौकीन जोड़े यहाँ के पारंपरिक केरल व्यंजनों जैसे ‘अप्पम-स्टू’, ‘पुट्टू-कडला करी’ और ताज़ा सीफूड का स्वाद लेना न भूलें। अगर आप कॉफी पसंद करते हैं, तो यहाँ की पहाड़ियों में बनी ऑर्गेनिक कॉफी का कप आपके सवेरे को और खास बना देगा।
मुन्नार का मौसम पूरे साल सुहावना रहता है, लेकिन करवाचौथ के आसपास यानी अक्टूबर-नवंबर में यहाँ की वादियाँ और भी हरी-भरी हो जाती हैं। सुबह के कोहरे से ढकी पहाड़ियाँ और शाम को चाय बागानों पर उतरती ठंडी हवा का एहसास किसी रोमांटिक फिल्म के दृश्य जैसा लगता है।
केरल का यह रत्न, कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 110 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ तक पहुँचने का रास्ता भी बेहद खूबसूरत है — घुमावदार सड़कों से गुजरते हुए झरनों, छोटे गाँवों और धुंध से ढकी पहाड़ियों का नज़ारा आपकी यात्रा को और मनमोहक बना देता है।
2. जैसलमेर (राजस्थान) – रेगिस्तानी आकर्षण
अगर आप करवाचौथ को किसी अद्भुत और शाही अंदाज़ में मनाना चाहते हैं, तो राजस्थान का ‘स्वर्ण नगरी’ जैसलमेर आपके लिए एक जादुई गंतव्य है। थार रेगिस्तान के सुनहरे टीलों पर फैली यह भूमि न सिर्फ रोमांच का अनुभव कराती है, बल्कि अपने ऐतिहासिक वैभव और राजस्थानी संस्कृति की गर्मजोशी से भी दिल जीत लेती है।
यहाँ ऊंट की पीठ पर बैठकर थार के विशाल रेतले मैदानों में घूमना एक ऐसा अनुभव है, जो आपको समय की सीमाओं से परे ले जाता है। जैसे-जैसे सूरज अस्त होता है, आसमान नारंगी और सुनहरे रंगों से रंग जाता है — और उस पल में जब हवा में ढोल और सारंगी की मधुर धुन गूँजती है, आपके साथ खड़ा आपका जीवनसाथी उस दृश्य को और भी यादगार बना देता है।
शाम को जब रेगिस्तान की ठंडी हवाएँ चलती हैं, आप सम सैंड ड्यून्स में बने लक्ज़री टेंट्स में ठहर सकते हैं। खुले आसमान के नीचे, पारंपरिक राजस्थानी नृत्य और लोक संगीत के बीच करवाचौथ की चांदनी में व्रत खोलना, किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं लगता। रेगिस्तान में चांद बेहद नज़दीक और चमकीला दिखाई देता है, जिससे करवाचौथ का माहौल और भी रोमांटिक बन जाता है।
जैसलमेर में आप न सिर्फ रेगिस्तान का आनंद ले सकते हैं, बल्कि ऐतिहासिक किलों और हवेलियों की सैर भी आपके सफर को और समृद्ध बना देती है। जैसलमेर किला, जो पूरी तरह पीले बलुआ पत्थर से बना है, सूर्य की किरणों में सुनहरा चमकता है और इसे देखने मात्र से ही मन मोहित हो जाता है। इसके अलावा पटवों की हवेली, सालिम सिंह की हवेली और गड़ीसर झील जैसे स्थल रोमांटिक फोटोग्राफी और शांत सैर के लिए बेहतरीन हैं।
यहाँ का खाना भी खास है — दाल बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी, और मालपुआ जैसे पारंपरिक व्यंजन आपके डिनर को त्योहार जैसा बना देंगे। और अगर आप चाहते हैं कि आपकी शाम और भी शानदार बने, तो टेंट कैंपों में अक्सर बोनफायर डिनर की व्यवस्था होती है, जहाँ मोमबत्तियों की रोशनी और लोकसंगीत के बीच आप अपने पार्टनर के साथ व्रत खोल सकते हैं।
दिल्ली से जैसलमेर पहुँचने के लिए ट्रेन द्वारा लगभग 12 से 14 घंटे का समय लगता है। आप चाहें तो जोधपुर से फ्लाइट लेकर वहाँ से टैक्सी द्वारा जैसलमेर तक पहुँच सकते हैं, जिससे सफर और भी आरामदायक हो जाता है।
रेगिस्तान की इस सुनहरी धरती पर करवाचौथ मनाना, चांदनी रात में प्रेम और परंपरा का एक अनुपम संगम है। जैसलमेर का शांत और रोमांटिक वातावरण आपके रिश्ते में नई ऊष्मा और जादू भर देगा।
3. मनाली (हिमाचल प्रदेश) – हिमालयी शांति
हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों के बीच बसा मनाली उन जोड़ों के लिए स्वर्ग समान है, जो प्रेम, रोमांच और शांति को एक साथ महसूस करना चाहते हैं। करवाचौथ जैसे खास दिन को यहाँ मनाना किसी सपने जैसा अनुभव बन सकता है — जहाँ ठंडी हवाएँ, बर्फ से लिपटी वादियाँ और देवदार के वृक्ष आपकी प्रेम कहानी के साक्षी बन जाते हैं।
यहाँ की सोलंग घाटी (Solang Valley) में सूर्यास्त का नज़ारा किसी कविता से कम नहीं। जैसे ही सूरज की सुनहरी किरणें हिमाच्छादित पहाड़ों पर बिखरती हैं, पूरी घाटी एक जादुई चमक से भर जाती है। अपने जीवनसाथी के साथ वहाँ खड़े होकर उस दृश्य को निहारना आपके रिश्ते को और भी गहराई देता है।
मनाली सिर्फ खूबसूरती ही नहीं, बल्कि रोमांच का केंद्र भी है। आप यहाँ पैराग्लाइडिंग, ज़िपलाइनिंग या नदी राफ्टिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं, जो आपके रिश्ते में नई ऊर्जा और उत्साह भर देंगी। वहीं, रोहतांग दर्रा की बर्फीली वादियाँ और ऊँचे पहाड़ों से दिखने वाला दृश्य दिल को छू लेने वाला होता है — करवाचौथ की रात को चाँद को देखने के लिए इससे सुंदर पृष्ठभूमि शायद ही कहीं और मिले।
यहाँ का हिडिंबा मंदिर भी अवश्य देखने योग्य है। इसकी शांत और आध्यात्मिक ऊर्जा आपके करवाचौथ के व्रत में एक आध्यात्मिक आयाम जोड़ देती है। मंदिर के आस-पास के देवदार के घने जंगलों में टहलते हुए आप प्रकृति की पवित्रता को महसूस कर सकते हैं।
दिनभर की सैर के बाद शाम को आप पार्वती नदी के किनारे एक प्यारी सी पिकनिक मना सकते हैं — जहाँ बहते पानी की मधुर ध्वनि, जलते अलाव की गर्माहट और चांद की रौशनी में अपनी जीवनसंगिनी के साथ व्रत खोलना, प्रेम का सबसे सुंदर क्षण बन सकता है।
खाने के शौकीन जोड़े यहाँ के स्थानीय व्यंजन जैसे सिड्डू, धाम, और ट्राउट फिश करी का स्वाद लेना न भूलें। और अगर आप कुछ सुकून भरे पल बिताना चाहें, तो मॉल रोड के कैफे में बैठकर गरम कॉफी के साथ हिमालय की ठंडी हवा का आनंद लें।
नवविवाहितों के लिए मनाली हमेशा से एक सपनों का गंतव्य रहा है। लेकिन यहाँ का मौसम अचानक ठंडा हो सकता है, इसलिए अपने साथ पर्याप्त गर्म कपड़े, दस्ताने और ऊनी टोपी रखना बेहद ज़रूरी है।
दिल्ली से मनाली तक सड़क मार्ग से लगभग 12 से 14 घंटे का सफर है, जो अपने आप में रोमांचक है। पहाड़ी रास्तों से गुजरते हुए झरनों, छोटे गाँवों और घाटियों के नज़ारे आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बना देते हैं।














