घरेलू नुस्खों से भी नहीं मिल रहा कब्ज की परेशानी से छुटकारा, तो आजमाएं ये ट्रिक, मिनटों में मिलेगा आराम
By: Priyanka Maheshwari Sun, 27 Mar 2022 11:08:58
कब्ज पाचन तंत्र की उस स्थिति को कहते हैं जब मरीज का पेट ठीक से साफ नहीं होता और शौच के दौरान काफी दिक्कतें आती हैं। पेट में शुष्क मल का जमा होना ही कब्ज है। यदि कब्ज का शीघ्र ही उपचार नहीं किया जाये तो शरीर में अनेक विकार उत्पन्न हो जाते हैं। कब्जियत का मतलब ही प्रतिदिन पेट साफ न होने से है। एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में दो बार यानी सुबह और शाम को तो मल त्याग के लिये जाना ही चाहिये। दो बार नहीं तो कम से कम एक बार तो जाना आवश्यक है। नित्य कम से कम सुबह मल त्याग न कर पाना अस्वस्थता की निशानी है। पेट साफ ना होने के कारण पूरे दिन आलस्य बना रहता है। किसी काम में मन नहीं लगता। कब्ज की समस्या से निपटने के लिए लोग कई तरह के घरेलू उपाय अपनाते हैं लेकिन फिर भी कोई फायदा नहीं मिल पाता, लेकिन हाल ही में एक एक्सपर्ट ने एक ऐसी चीज के बारे में बताया है जिससे आपकी कब्ज की समस्या से चुटकियों में फायदा मिल जाता है। डॉ कैली पीटरसन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उनका कहना है कि कब्ज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आपको टॉयलेट में अपने साथ एक चीज लेकर जानी होगी। इससे आपको काफी आराम मिलेगा। कैली का कहना है कि जब भी उनके पास मरीज कब्ज की समस्या को लेकर आते हैं तो वह उन्हें टॉयलेट में स्ट्रॉ का इस्तेमाल करने की सलाह देती हैं। आपको बता दे, डॉ कैली पीटरसन को पेल्विक, विसरल और ऑर्थोपेडिक फिजिकल थेरेपी में विशेष योग्यता प्राप्त है।
कब्ज होने के कारण
- भोजन में रेशेदार आहार की कमी होना।
- मैदे से बने एवं तले हुए मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन करना।
- पानी कम पीना या तरल पदार्थों का सेवन कम करना।
- समय पर भोजन ना करना।
- रात में देर से भोजन करना।
- देर रात तक जागने की आदत।
- अधिक मात्रा में चाय, कॉफी, तंबाकू या सिगरेट आदि का सेवन करना।
- भोजन पचे बिना ही दोबारा भोजन करना।
- चिन्ता या तनावयुक्त जीवन जीना।
- हार्मोन्स का असंतुलन या थायराइड की परेशानी होना।
- अधिक मात्रा में या लम्बे तक दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल करना।
डॉ पीटरसन ने समझाया कि स्ट्रॉ का इस्तेमाल करने से आपकी सांस को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है, जिससे आपके लिए मल त्यागना आसान हो जाता है। उन्होंने बताया कि जब भी आप मल त्यागने के लिए टॉयलेट जाते हैं तो आपको एक स्ट्रॉ लेकर बाहर की तरफ फूंक मारनी है जैसे हम किसी मोमबत्ती को बुझाने के लिए करते हैं। इसके लिए आपको डायाफ्रामिक ब्रीदिंग की जरूरत पड़ेगी। इसे बैली ब्रीदिंग के नाम से भी जाना जाता है। इसमें डायाफ्राम और पेट से गहरी सांस ली जाती है। इसका मतलब यह है कि जब आप सांस लेते हैं, तो आप हर सांस के साथ डायाफ्राम को नीचे खींचते हैं - जिससे फेफड़ों को और भी अच्छी तरह से काम करने में मदद मिलती है।
डायाफ्रामिक ब्रीदिंग के जरिए सांस लेने और छोड़ने से पेट और पेल्विक फ्लोर मसल्स के बीच को-कॉन्ट्रैक्शन होता है जिससे रीढ़ की हड्डी में पड़ने वाले स्ट्रेस को कम किया जा सकता है। डॉ। पीटरसन ने कहा कि आपको पहले अलग-अलग तरीकों से सांस छोड़ने की प्रेक्टिस करनी चाहिए। डॉ पीटरसन ने यह भी कहा कि टॉयलेट सीट पर बैठने से पहले आप अपनी पीठ, बाजू, पेट और घुटनों के बल बैठकर इसकी प्रेक्टिस करें।
डॉ पीटरसन ने बताया कि इस उपाय से बच्चों को भी मल त्यागने में मदद मिल सकती है साथ ही उन्होंने यह कहा कि डाइट में फाइबरयुक्त चीजों को शामिल करने से भी कब्ज की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।