रोज 30 मिनट चलाएं साइकिल, शरीर को मिलेंगे ये 7 फायदे
By: Priyanka Maheshwari Mon, 11 Dec 2023 10:26:21
आज अस्वस्थ जीवनशैली मोटापा सहित कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन रही है। ऐसे में शरीर को इन बिमारियों से दूर रखने के लिए कुछ तरह की एक्टीविटी जरूरी है। ऐसे में साइकिलिंग एक बेहतरीन एक्टिविटी साबित हो सकती है। साइकिल चलाने से साइकिल चलाने आपका दिमाग स्वस्थ रहने के साथ ही कैलोरी घटती है, मांसपेशियां मजबूत होती है, बीपी, शुगर और अन्य कई बीमारियों से भी धीरे-धीरे निजात मिलती है, ये आपके हार्ट को स्वस्थ रखता, इससे प्रदूषण भी कम होता है और आपको नींद भी अच्छी आएगी, आप अगर दूसरी कोई एक्सरसाइज नहीं कर पाते हैं, तो कम से कम साइकिल चलाएं, इससे आपको कई फायदे होंगे। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएगें कि रोजाना 30 मिनट साइकिल चलाने से सेहत को क्या-क्या लाभ हो सकते हैं।
हृदय स्वास्थ को बेहतर बनाए
यदि आप नियमित रूप से 30 मिनट साइकिल चलाते हैं तो आपके दिल की धड़कन तेज हो जाती है, जो एक तरह से दिल के स्वास्थ्य के लिए एक्सरसाइज हो सकती है। कई शोध में सामने आया है कि साइकिल चलाने जैसी गतिविधि से हृदय व रक्त वाहिकाओं से संबंधी जोखिम कम किया जा सकता है। इस संबंध में शोध में मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों को शामिल किया गया। शोध में पाया गया कि साइकिल चलाने जैसी एक्टिविटी में भाग लेने वाले लोगों का हृदय बेहतर तरीके से काम करता है। जो यह दर्शाता है कि साइकिल चलाने के फायदे हमारे दिल की सेहत का ख्याल रख सकते हैं।
वजन कम करने में मदद करे
रोज 30 मिनट साइकिल चलाने से वजन कम करने में मदद मिलती है। कैलोरी बर्न करने में साइकिल चलाने के फायदे देखे जा सकते हैं जिसके चलते वजन कम हो सकता है। अगर रोजाना 30 मिनट साइकिल चलाई जाए तो लगभग 6 महीने में 12 फीसदी वजन कम किया जा सकता है। बस ध्यान रहे कि वजन कम करने के लिए साइकिलिंग के साथ-साथ संतुलित खान-पान का भी ध्यान रखना जरूरी है।
टाइप 2 मधुमेह के जोखिम कम करे
30 मिनट साइकिल चलाने से टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को भी कम करने में मदद कर सकते हैं। नियमित तौर से साइकिलिंग जैसी गतिविधि करने वाले वयस्क लोगों में अन्य वयस्कों की तुलना में टाइप 2 मुधमेह होने का जोखिम काफी कम देखा गया है। एक शोध में सामने आया है की 6 सप्ताह तक नियमित तौर पर हर दिन 30 मिनट साइकिल चलाने से शरीर में तेजी से इंसुलिन के स्तर कम होता है। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि टाइप 2 डायबिटीज को ठीक करने में साइकिलिंग काफी हद तक सहायक हो सकती है।
मांसपेशियों को मजबूत करे
साइकिलिंग के दौरान पैरों की मदद से पैडलिंग की जाती है। इस दौरान पैर ऊपर से नीचे की तरफ एक सर्कल में गतिविधि करते हैं। इससे पैरों की मांसपेशियों से लेकर शरीर के निचले हिस्से और ऊपर के हिस्से की मांसपेशियां मजबूत हो सकती हैं। साथ ही यह शरीर में एरोबिक्स कंडीशन यानी शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को भी बढ़ा सकता है। इस तरह 30 मिनट साइकिल चलाने चलाने के फायदे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए भी देखे जा सकते हैं।
कैंसर के जोखिम कम करे
यह जानकर आपको हैरानी होगी कि साइकिलिंग कैंसर का जोखिम कम कर सकती है। एक शोध के मुताबिक, वॉकिंग और साइकलिंग करने वाली महिलाओं में व्यायाम करने वाली महिलाओं के मुकाबले स्तन कैंसर का जोखिम 10% कम पाया गया। एक शोध में यह भी सामने आया है कि प्रतिदिन 30 मिनट तक साइकिल चलाने से पेट के कैंसर के जोखिम को लगभग 15% तक कम किया जा सकता है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि साइकिलिंग करके कुछ हद तक कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। साथ ही ध्यान रहे कि कैंसर जानलेवा बीमारी है। अगर कोई इससे ग्रस्त है, तो उसे डॉक्टर से इलाज जरूर करवाना चाहिए।
गठिया की रोकथाम में मदद करे
ऑस्टियोअर्थराइटिस (जोड़ों में सूजन) के लक्षण कम करने और इसकी रोकथाम करने में साइकिल चलाने के फायदे हासिल किए जा सकते हैं। एनसीबीआई की साइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक, 6 सप्ताह तक 30 मिनट तक साइकिलिंग जैसी गतिविधि करने वाले लोगों में ऑस्टियोअर्थराइटिस के लक्षणों में कमी देखी गई। साइकिल चलाने से मांसपेशियों के संकुचन, शक्ति और कार्य करने की क्षमता में सुधार देखा गया। बता दें कि साइकिलिंग एक एरोबिक एक्सरसाइज के तहत आती है। वहीं, एरोबिक जैसी गतिविधियां करने से जोड़ों पर कम से कम जोर पड़ता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, हल्के-फुल्के जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए 30 से 75 मिनट के लिए एरोबिक गतिविधियां की जा सकती हैं। इसमें साइकिलिंग से लेकर, तेज चलना या तैराकी भी शामिल कर सकते हैं।
तनाव कम करे
जैसा कि आप जान चुके हैं कि साइकिल चलाना अपने-आप में एक तरह का एरोबिक व्यायाम होता है। ऐसे में व्यायाम करना मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर माना गया है। एरोबिक व्यायाम की गतिविधियां मन की स्थिति में बदलाव लाकर मस्तिष्क में खून का प्रवाह बेहतर बना सकती हैं। जो हाइपोथैलेमिक पिट्यूटरी एड्रेना (केंद्रीय तनाव प्रतिक्रिया प्रणाली) पर पड़ने वाले तनाव की प्रतिक्रिया को कम कर सकते हैं। इससे तनाव, अवसाद या चिंता के लक्षण कम करने में मदद मिल सकती है।
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