डिलीवरी के बाद वजाइना में दिखें ये 7 बदलाव तो तुरंत साधे डॉक्टर से संपर्क, ना करें नजरअंदाज
By: Priyanka Maheshwari Fri, 03 Nov 2023 11:22:07
प्रेगनेंसी और डिलीवरी का समय महिलाओं के लिए बहुत खुशी का समय होता हैं लेकिन इसी के साथ ही कई दिक्कतें भी पैदा होती है। खासतौर से प्रसव के बाद महिलाओं को अपनी वजाइना से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना होता हैं। डिलीवरी के बाद वजाइना में कई बदलाव देखने को मिलते हैं जिनमे से कुछ सामान्य हैं लेकिन लंबे समय तक रहते हैं तो आपको डॉक्टर का परामर्श लेने की जरूरत हैं। आज इस कड़ी में हम आपको वजाइना में होने वाले उन बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें नजरअंदाज करना आपके लिए परेशानियां खड़ी कर सकता हैं। तो आइये जानते हैं वजाइना के इन बदलाव के बारे में...
योनि का सूखना
प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद अकसर वजाइना ड्राय रहती है। असल में प्रसव के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है, जिससे वजाइना में सूखापन या ड्रायनेस हो जाती है। इस दौरान वजाइना में कभी-कभी दर्द भी होता है। अगर आप अपनी वजाइना को दोबारा से नमी देना चाहते हैं, तो इसके लिए अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।
शारीरिक संबंध बनाने में दर्द होना
प्रसव या डिलीवरी के बाद महिलाओं की योनि में सूखापन आ जाता है। जिसकी वजह से बाद में उन्हें शारीरिक संबंध बनाने के दौरान काफी दर्द महसूस होता है। ऐसे में आपको अपनी वजाइना में नमी लाना बहुत जरूरी होता है। अगर आपको भी डिलीवरी के बाद शारीरिक संबंध बनाने में लंबे समय तक दर्द हो, तो एक बार डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।
वजाइना में सूजन
वजाइना में दर्द होने के साथ ही इसमें सूजन जैसी समस्याएं भी दिख सकती है। डिलीवरी के बाद योनि के आसपास के हिस्से में सूजन हो सकती है। यह सूजन 4-6 महीने तक रह सकती हैं। इसके बाद यह धीरे-धीरे ठीक होने लगती है। इसमें आपको दर्द भी हो सकता है। ज्यादा दर्द होने पर आप डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
योनि स्राव
प्रसव के बाद महिलाओं में योनी स्त्राव होना बेहद सामान्य बदलाव है। ज्यादातर महिलाओं में यह देखने को मिलता है। डॉक्टर चैताली त्रिवेदी बताती हैं कि शुरू में यह लाल रंग का होता है और कुछ ही हफ्तों में रंगहीन हो जाता है। ऐसे में आपको घबराने या डरने की जरूरत नहीं है।
मूत्र असंयम
गर्भावस्था और प्रसव के दौरान महिलाओं के पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं। इसकी वजह से महिलाओं में मूत्र असंयम की स्थिति देखने को मिलती है। मूंत्र असंयम वह स्थिति होती है, जब व्यक्ति को अपने मूत्र पर नियंत्रण नहीं रहता है। यह स्थिति डिलीवरी के बाद महिलाओं में अकसर देखने को मिलती है। इसकी मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए आपको नियमित रूप से योगासन करने चाहिए।
वजाइना का ढीला होना
डिलीवरी के दौरान महिलाओं की योनि में सबसे आम बदलाव यही होता है कि उनकी वजाइना ढीली और चौड़ी हो जाती है। दरअसल, वजाइना से ही बच्चे को मां के शरीर से बाहर निकाला जाता है। जिससे वजाइना चौड़ी होती है और उसका आकर बढ़ जाता है। डॉक्टर चैताली त्रिवेदी बताती हैं कि आधुनिक कॉस्मेटिक उपचार और प्रक्रियाओं द्वारा वजाइना को दोबारा से ठीक किया जा सकता है।
वल्वा पर निशान
बच्चे को जन्म देने के बाद अकसर महिलाओं के वल्वा पर निशान हो जाते हैं। वल्वा पर स्कार टिश्यू हो सकते हैं, जो देखने में काफी खराब नजर आते हैं। वल्वा पर ये निशान बढ़ते समय के साथ काले हो जाते हैं, जिससे वजाइना साफ नजर नहीं आती है।