अक्सर आपने देखा होगा कि जब डॉक्टर या नर्स किसी मरीज को इंजेक्शन लगाने से पहले सिरिंज में से थोड़ी सी हवा बाहर निकालते हैं। यह एक आम प्रक्रिया है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सिरिंज में ये हवा आती कहां से है? इसका क्या काम है? और अगर गलती से यही हवा शरीर के अंदर चली जाए तो क्या इससे जान को खतरा हो सकता है? बहुत से लोगों की धारणा है कि इंजेक्शन में मौजूद हवा शरीर में पहुंच जाए तो जानलेवा साबित हो सकती है। आइए जानते हैं इसके पीछे की हकीकत और मेडिकल एक्सपर्ट्स की राय।
सिरिंज में हवा कहां से आती है?
जब भी सिरिंज में दवा भरी जाती है, उस वक्त उसमें थोड़ी मात्रा में हवा का प्रवेश हो सकता है। यही कारण है कि इंजेक्शन देने से पहले स्वास्थ्यकर्मी सिरिंज को हल्के से थपथपाते हैं और फिर उसमें से हवा बाहर निकालते हैं। यह प्रक्रिया इसलिए की जाती है ताकि एयर बबल (Syringe Air Bubble) ब्लड स्ट्रीम में न जा सके।
क्या इंजेक्शन की हवा जानलेवा हो सकती है?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर इंजेक्शन में मौजूद थोड़ी सी हवा (1-2 ml) शरीर में चली भी जाए, तो आमतौर पर यह घातक नहीं होती। शरीर खुद उस हवा को धीरे-धीरे अवशोषित कर लेता है। लेकिन अगर बड़ी मात्रा में (50 ml या उससे अधिक) हवा सीधे नसों में चली जाए, तो यह स्थिति गंभीर हो सकती है और एयर एम्बोलिज्म (Air Embolism) नाम की स्थिति उत्पन्न कर सकती है। एयर एम्बोलिज्म में हवा रक्त प्रवाह (ब्लड फ्लो) को रोक देती है, जिससे मस्तिष्क, हृदय या फेफड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचनी बंद हो सकती है। यह स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है।
एयर एम्बोलिज्म के लक्षण क्या होते हैं?
यदि शरीर में अधिक मात्रा में हवा चली जाए और एयर एम्बोलिज्म की स्थिति बने, तो निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:
- सीने में तेज दर्द
- सांस लेने में परेशानी
- चक्कर आना
- बेहोशी
- दिल की तेज धड़कन
- मरोड़ जैसा तीव्र दर्द
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो एयर एम्बोलिज्म की स्थिति बेहद ही दुर्लभ होती है। आमतौर पर डॉक्टर्स और नर्सें इंजेक्शन देने से पहले सिरिंज में मौजूद हवा को पूरी सावधानी से बाहर निकाल देते हैं। यह एक स्टैंडर्ड मेडिकल प्रैक्टिस है, जिसे हर प्रशिक्षित हेल्थ प्रोफेशनल पालन करता है। इसलिए इसको लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन एक जरूरी बात हमेशा याद रखें – इंजेक्शन हमेशा किसी योग्य डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल से ही लगवाएं। खुद से इंजेक्शन लगाने की गलती न करें, क्योंकि छोटी-सी चूक बड़ी परेशानी बन सकती है।