डायबिटीज रहेगी कंट्रोल में, बस खाने के बाद 5 मिनट कर लें ये काम
By: Priyanka Maheshwari Fri, 02 Sept 2022 4:58:56
डायबिटीज (Diabetes) एक गंभीर बीमारी है जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है। इसका मतलब यह है कि अगर किसी को शुगर की बीमारी हो गई है, तो वो उसका जीवनभर पीछा नहीं छोड़ती है। खराब दिनचर्या और खानपान के चलते डायबिटीज एक आम बीमारी बन गई है। डायबिटीज को सिर्फ हेल्दी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी द्वारा कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज मरीजों को लेकर एक बड़ी रिसर्च सामने आई है। रिसर्च में सामने आया है कि खाना खाने के बाद थोड़ी देर वॉक करने से ब्लड शुगर लेवल को काफी हद तक कम किया जा सकता है। स्पोर्ट्स मेडिसिन नाम के जर्नल में छपी इस रिसर्च में रिसर्चर्स ने सात अलग-अलग स्टडीज का विश्लेषण किया कि लंबे समय तक बैठे रहने की बजाय, खड़े होने और चलने जैसी लाइट फिजिकल एक्टिविटीज किस तरह से इंसुलिन और ब्लड शुगर लेवल सहित हार्ट हेल्थ को प्रभावित करती हैं।
रिसर्चर्स ने यह सुझाव दिया कि लंच या डिनर करने के बाद बैठने या लेटने की बजाय 2 से 5 मिनट हल्की वॉक करने से ब्लड शुगर लेवल को काफी हद तक कंट्रोल में रखा जा सकता है। इसके अलावा, अगर आप खाना खाने के बाद कुछ देर के लिए खड़े भी होते हैं तो भी ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है।
इस स्टडी के ऑथर एडन बुफे ने हेल्थ वेबसाइट से कहा, 'लाइट एक्टिविटीज आपकी हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद साबित होती हैं।'
जब भी आप कुछ खाते हैं-खासतौर पर हाई कार्बोहाइड्रेट युक्त खाना खाने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल अचानक से बढ़ने लगता है। इसे पोस्टप्रांडियल स्पाइक के रूप में जाना जाता है। शरीर में ब्लड शुगर लेवल के अचानक बढ़ने से इंसुलिन नाम का हार्मोन रिलीज होता है, जो ग्लूकोज को खून के जरिए कोशिकाओं में भेजता है ताकि इसका इस्तेमाल एनर्जी के लिए किया जा सके। लेकिन ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन के बीच का यह बैलेंस काफी नाजुक होता है और कंट्रोल से बाहर भी हो सकता है। अगर शरीर में ब्लड शुगर लेवल में लगातार बहुत अधिक वृद्धि होती है तो कोशिकाएं इंसुलिन का जवाब देना बंद कर सकती हैं और इंसुलिन प्रतिरोधी बन सकती हैं। जो प्री डायबिटिक या टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकता है।
ऐसे में इस नई स्टडी के ऑथर का कहना है कि अगर खाना खाने के बाद आप कुछ देर हल्की वॉक करते हैं तो इससे ब्लड शुगर का लेवल कम किया जा सकता है।
रिसर्चर्स ने पाया कि खाना खाने के बाद बैठे रहने की बजाय कुछ देर वॉक करने या खड़े रहने से पोस्टप्रांडियल ग्लूकोज के लेवल को कम किया जा सकता है। लेकिन, इस स्टडी के ऑथर के मुताबिक, लाइट वॉक करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है, इससे खाना खाने के बाद इंसुलिन का लेवल में भी सुधार होता है। इसके अलावा इस स्टडी के ऑथर ने यह भी कहा कि दिन भर में थोड़ी-थोड़ी देर में वॉक करना भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
बुफे ने यह भी कहा कि अगर संभव हो तो दिन भर में अपने बैठने के समय को कम करें। अगर आपका काम बैठकर करने का है तो हर 20 से 30 मिनट में उठें और थोड़ा टहलें।
सुबह बासी मुंह चबाएं ये 5 तरह के पत्ते
तुलसी के पत्ते
साल 2019 में चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि तुलसी के पत्तों से निकलने वाले अर्क में ब्लड शुगर लेवल कम करने की क्षमता है। परिणामों ने यह भी सुझाव दिया कि तुलसी के पत्ते हाई ब्लड शुगर के दीर्घकालिक प्रभावों का इलाज करने में मदद कर सकते हैं।
जैतून के पत्ते
जैतून के पत्ते टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते है। साल 2013 के एक अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने 46 मध्यम आयु वर्ग के पुरुषों को जैतून के पत्ते का सुबह खाली पेट सेवन करने को कहा। शोधकर्ताओं ने पाया कि 12 सप्ताह के बाद जैतून के पत्ते का सेवन करने वाले लोगों में इंसुलिन रेसिस्टेंट में काफी हद तक सुधार हुआ है।
गुड़मार के पत्ते
भारत में पाई जाने वाली इस जड़ी बूटी को ब्लड शुगर लेवल कम करने के लिए जाना जाता है। साल 2013 के एक शोध के अनुसार टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में इसके सेवन से काफी सुधार देखे गए हैं। टाइप 1 डायबिटीज वाले लोग, जिन्होंने 18 महीनों के लिए इसके पत्तों का अर्क लिया उनमें इंसुलिन लेने वालों की तुलना में ब्लड शुगर लेवल में काफी गिरावट आई।
स्टेविया या मीठी तुलसी
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) और अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (एडीए) के अनुसार, स्टेविया डायबिटीज वाले लोगों के लिए फायदेमंद पौधा है। साल 2018 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि इन मरीजों ने मीठी तुलसी का सेवन किया था, उनका ब्लड शुगर लेवल एक से दो घंटे में कम होना शुरू हो गया था।
शलजम के पत्ते
शलजम के साग में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो रोजाना का 1 कप में 5 ग्राम प्रदान करता है। अध्ययनों से पता चला है कि टाइप 1 डायबिटीज वाले लोग जो फाइबर का सेवन करते हैं, उनमें ब्लड शुगर लेवल कम रहता है। टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में ब्लड शुगर, लिपिड और इंसुलिन के लेवल में सुधार हो सकता है
ये भी पढ़े :