चैत्र नवरात्रि, मां दुर्गा को समर्पित एक पावन पर्व है, जो नौ दिनों तक पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। नवरात्रि का अंतिम दिन राम नवमी के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव का प्रतीक है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष राम नवमी 6 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी।
ऐसी मान्यता है कि जो श्रद्धालु इस दिन मां दुर्गा के साथ-साथ भगवान श्रीराम की आराधना करते हैं, उन्हें जीवन की सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। साथ ही घर-परिवार में सुख-शांति और खुशहाली का आगमन होता है।
राम नवमी की रात करें ये विशेष उपाय
शास्त्रों में उल्लेख है कि राम नवमी की रात यदि कोई श्रद्धालु सच्चे मन से कुछ विशेष उपाय करता है, तो देवी-देवताओं की कृपा से उसे मनचाहा फल प्राप्त हो सकता है।
गृह क्लेश से मुक्ति पाने का सरल उपाय
यदि घर में बार-बार कलह, तनाव या आपसी मतभेद हो रहे हों, तो राम नवमी के दिन सुबह और रात को भगवान श्रीराम की भक्ति करें। रात्रि में सोने से पहले घर के मंदिर में कपूर जलाएं और उसके पवित्र धुएं को पूरे घर में फैलाएं। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, मानसिक शांति मिलती है और घर का वातावरण सकारात्मकता से भर जाता है। परिणामस्वरूप, परिवार में प्रेम, सुख और समृद्धि का वास होता है।
आर्थिक तंगी से छुटकारा दिलाएगा यह उपाय
यदि आप लंबे समय से पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं और आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है, तो राम नवमी की रात यह उपाय अवश्य करें। रात्रि में रसोईघर में चांदी की एक कटोरी में कपूर और लौंग को एक साथ जलाएं। कटोरी को पूरी रात वहीं रहने दें। अगली सुबह उसे गंगाजल से शुद्ध करें और किसी पवित्र स्थान पर रख दें। ऐसा करने से भगवान श्रीराम के साथ-साथ धन की देवी लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। यह उपाय घर की आर्थिक समस्याओं को दूर करने में सहायक माना जाता है।
नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं से छुटकारा पाने का उपाय
यदि आपके जीवन में बार-बार अवांछित समस्याएं आ रही हैं, मन अशांत रहता है या घर में तालमेल की कमी महसूस हो रही है, तो राम नवमी के दिन श्रद्धा भाव से भगवान राम और माता लक्ष्मी की पूजा करें। पूजा उपरांत रात्रि में चांदी की कटोरी में देसी घी और कपूर डालकर उसे जलाएं। अब इस कटोरी को घर में ऐसी जगह रखें जहां उसकी सुगंध पूरे वातावरण में फैल सके। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और सभी सदस्यों के बीच सामंजस्य, शांति और सौहार्द बना रहता है। साथ ही जीवन में आ रही बाधाएं भी धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।