महाकुंभ 2025: प्रयागराज में इन 5 घाटों पर उमड़ेगी श्रद्धा की गंगा, जानें खासियत
By: Sandeep Gupta Thu, 09 Jan 2025 09:39:19
धर्म नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। यह भव्य और पवित्र मेला लगभग 45 दिनों तक चलेगा, जिसका समापन 26 फरवरी को अंतिम शाही स्नान के साथ होगा। महाकुंभ के दौरान करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज आते हैं और गंगा, यमुना एवं पौराणिक सरस्वती नदी के संगम पर स्नान-दान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान नदियों का जल अमृत समान हो जाता है, जिससे भक्त पवित्र स्नान कर अपने पापों से मुक्ति पाते हैं। इस लेख में हम प्रयागराज के प्रमुख घाटों की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं।
संगम घाट
प्रयागराज का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र घाट संगम घाट है। यहां गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों का संगम होता है, जिसे त्रिवेणी संगम के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस स्थान पर डुबकी लगाने से सभी पापों का नाश होता है और आत्मा शुद्ध होती है। भक्तिभाव और श्रद्धा से किया गया स्नान मानसिक शांति और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
अरैल घाट
यह घाट योग, ध्यान और आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रसिद्ध है। अरैल घाट पर अपेक्षाकृत कम भीड़ होती है, जो इसे ध्यान और साधना के लिए आदर्श बनाती है। यहां स्नान करने से भी शुभ फल प्राप्त होते हैं। जो लोग शांति और भीड़भाड़ से दूर रहना चाहते हैं, उनके लिए यह घाट विशेष रूप से उपयुक्त है।
राम घाट
संगम घाट के पास स्थित राम घाट अपनी शाम की आरती और धार्मिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है। यहां श्रद्धालु स्नान के साथ-साथ बोटिंग का भी आनंद लेते हैं। महाकुंभ के दौरान यह घाट भक्तों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन जाता है।
दशाश्वमेध घाट
दशाश्वमेध घाट महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के प्रमुख घाटों में से एक है। यह घाट राजा भगीरथ द्वारा गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए किए गए अश्वमेध यज्ञ से जुड़ा हुआ है। यहां नियमित रूप से गंगा आरती का आयोजन किया जाता है, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।
लक्ष्मी घाट
यह घाट देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। सुख, समृद्धि और धन की देवी की आराधना के लिए यह घाट विशेष महत्व रखता है। महाकुंभ के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं।
अन्य प्रमुख घाट
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के अन्य घाट भी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनते हैं। इनमें हनुमान घाट, श्रीवास्तव घाट, नरौरा घाट, खुसरो बाग घाट और किला घाट शामिल हैं। इन घाटों पर भी स्नान और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं।
महाकुंभ में पवित्र स्नान का महत्व
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज के घाटों पर स्नान को आध्यात्मिक शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है। इस पवित्र अवसर पर लाखों श्रद्धालु यहां आकर स्नान, दान और पूजा-अर्चना कर अपने जीवन को धन्य मानते हैं। महाकुंभ 2025 का आयोजन भव्यता और श्रद्धा के साथ होने वाला है, जहां प्रयागराज के घाटों पर भक्तों का स्वागत करने के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
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