1000 एकादशी व्रत के समान फल देने वाला होता हैं जन्माष्टमी का व्रत, जानें इससे जुड़े कुछ नियम

By: Priyanka Maheshwari Thu, 07 Sept 2023 09:08:03

1000 एकादशी व्रत के समान फल देने वाला होता हैं जन्माष्टमी का व्रत, जानें इससे जुड़े कुछ नियम

देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर धूम मची है। हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस साल पंचांग भेद होने से दो दिन (6 और 7 सितंबर) श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जा रहा है। इस साल श्रीकृष्ण का 5250वां जन्मोत्सव है। आज के दिन पूजा-पाठ करने से आपकी सभी मनोकामानाएं पूर्ण होती हैं। जन्माष्टमी के दिन लोग उपवास करते हैं, और फिर मध्य रात्रि में भगवान कृष्ण से प्रार्थना करने के बाद भगवान के लिए तैयार भोग के साथ उपवास तोड़ते हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार जो मनुष्य श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करता है उसे 20 करोड़ एकादशी व्रतों के समान फल मिलता है एवं सौ जन्मों के पापों से मुक्ती भी मिलती है। आज इस कड़ी में हम आपको जन्माष्टमी व्रत से जुड़े नियम और गलतियों के बारे में बताने जा रहे है। आइये जानते है इनके बारे में...

janmashtami celebration,lord krishna worship,krishna janmashtami rituals,devotional practices on janmashtami,how to worship lord krishna,krishna janmashtami significance,janmashtami puja guide,bhagavad gita teachings,krishnas birth story,janmashtami festivity

व्रत करने के लाभ

शास्त्रों के मुताबिक एकादशी का व्रत हजारों-लाखों पाप नष्ट करने वाला अदभुत ईश्वरीय वरदान है लेकिन एक जन्माष्टमी का व्रत हजार एकादशी व्रत रखने के पुण्य की बराबरी का है। अगर आप एकादशी के व्रत नहीं कर पाते हैं तो जन्‍माष्‍टमी का व्रत करके पुण्‍य कमा सकते हैं। इस दिन सुहागिन व कुंवारी महिलाएं निर्जला व्रत भी करती हैं।

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखने और विधि विधान से पूजन करने पर नि: संतान लोगो को संतान सुख प्राप्त होता है, वहीं कुवांरी लड़कियां भगवान श्रीकृष्ण जैसा पति और जीवन में खुशी की कामना से यह व्रत रखती हैं। ऐसे में अगर आप भी व्रत रखने जा रही हैं तो इन चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

पहले लें व्रत का संकल्प

जन्‍माष्‍टमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और श्रीकृष्ण के आगे व्रत का संकल्प करें। यह संकल्प आप हाथों में तुलसी की एक पत्ती पकड़ कर करें और साथ ही व्रत के दौरान होने वाली किसी भी भूल के लिए पहले ही क्षमा मांग लें। अगर आपने निर्जल व्रत रखा हैं तो मध्यरात्रि में भगवान की पूजा करने के बाद जल और फल ग्रहण करें। यदि आप विवाहित हैं तो उपवास रखने के एक रात्रि पूर्व आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

janmashtami celebration,lord krishna worship,krishna janmashtami rituals,devotional practices on janmashtami,how to worship lord krishna,krishna janmashtami significance,janmashtami puja guide,bhagavad gita teachings,krishnas birth story,janmashtami festivity

व्रत के दौरान इन नियमों का करें पालन

- सुबह उठकर स्नान करें और फिर श्रीकृष्ण की पूजा करें।
- इस दिन गीता, विष्णुपुराण, कृष्णलीला का पाठ करना भी शुभ माना जाता है।
- व्रत के दिन कान्हा को पंचामृत से स्नान करवाएं और उन्हें नए कपड़े पहनाएं।
- साथ ही कान्हा को झूला-झूलाना और चंद्रमा को अर्घ्य देना ना भूलें।
- श्री कृष्‍ण के जन्‍म दिवस पर आप व्रत रख रही हैं, तो शाम को पूजा के वक्त आपको नए वस्त्र पहनने चाहिए।
- इस दिन आप मौन व्रत रखकर श्री कृष्ण के नाम का जाप भी कर सकती हैं। यदि मौन व्रत नहीं रख रही हैं तो आपको पूरे दिन श्रीकृष्ण के नाम का जाप करना चाहिए।
- इस दिन आप पानी में तुलसी की पत्ती डालकर उसका सेवन करें। इतना ही नहीं, आपको तुलसी की भी इस दिन विधि विधान से पूजा करनी चाहिए और श्रीकृष्ण के हर भोग में तुलसी का पत्ता जरूर रखना चाहिए।
- व्रत रखने वाले हर जातक को श्री कृष्‍ण जन्‍म के बाद उन्हें झूला जरूर झूलाना चाहिए और जिस पंचामृत से लड्डू गोपाल को स्नान कराया है, उसे प्रसाद के रूप में जरूर ग्रहण करें।
- जन्‍माष्‍टमी के व्रत में आप फलाहार कर सकती हैं। सुबह से रात तक आप फलों का सेवन करें और रात में आप साधारण भोजन कर के व्रत खोल सकती हैं, वैसे जो लोग पूरे दिन व्रत रखना चाहते हैं वे लोग रात्रि भोजन में भी फल, दही, दूध और श्री कृष्ण के चढ़े प्रसाद का सेवन करें।

janmashtami celebration,lord krishna worship,krishna janmashtami rituals,devotional practices on janmashtami,how to worship lord krishna,krishna janmashtami significance,janmashtami puja guide,bhagavad gita teachings,krishnas birth story,janmashtami festivity

भूलकर भी ना करें ये गलती

- भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में भूलकर भी बासी या मुरझाए फूल का प्रयोग न करें।
- इस दिन कोई भी नकारात्मक विचार, क्रोध व बुरी बातें मन में ना लाएं।
- व्रत के एक दिन पहले व बाद में लहसुन, प्याज, मांसहार, शराब या तामसिक भोजन से दूरी बना लें।
- जन्माष्टमी के दिन चावन से परहेज करना चाहिए। सनातन धर्म में जन्माष्टमी पर चावल या जौ से बनी वस्तुओं को खाने से बचना चाहिए।
- जन्माष्टमी में किसी के प्रति गलत विचार नहीं लाना चाहिए और न ही किसी भी व्यक्ति को अपशब्द कहना चाहिए
- जन्माष्टमी पर न तो तुलसी की पत्तियां तोड़नी चाहिए और न ही किसी पेड़-पौधे को काटना चाहिए।
जन्माष्टमी की पूजा के लिए तुलसी दल एक दिन पूर्व ही तोड़कर रख लेना चाहिए।
- अगर आप मंदिर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने जा रहे हैं तो भूलकर भी उनके पीठ की तरफ से दर्शन न करें। भगवान की प्रतिमा के सामने ही उनके दर्शन करने चाहिए।
- काले रंग को आमतौर पर अंधकार और अशुभ चीजों का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में जन्माष्टमी के दिन काले रंग की कोई सामग्री भगवान को अर्पित न करें और पूजा के समय भी काले रंग के वस्त्र धारण न करें।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com