ईरान पर अमेरिका के हमले के बाद बुलाई गई UNSC की आपात बैठक, चीन-रूस-पाकिस्तान ने की आलोचना

ईरान पर अमेरिका के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर हलचल तेज हो गई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इस गंभीर हालात को देखते हुए आपातकालीन बैठक बुलाई है। इस बैठक में कई देशों ने अमेरिका के हमले की खुलकर आलोचना की और मध्य पूर्व में दोबारा संघर्ष विराम वार्ता शुरू करने की पुरजोर वकालत की। खास बात यह रही कि पाकिस्तान ने भी इस बार संघर्ष विराम की अपील का समर्थन किया।

दरअसल, रविवार को अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला कर पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। इस हमले के बाद से ही माहौल गर्म है और वैश्विक शांति को लेकर चिंता गहराती जा रही है।

रूस-चीन-पाकिस्तान ने रखी संघर्ष विराम की मांग

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक के दौरान रूस, चीन और पाकिस्तान जैसे बड़े देशों ने बिना किसी शर्त के तत्काल संघर्ष विराम की मांग रखी। इन देशों ने साफ कहा कि मौजूदा हालात किसी भी वक्त बेकाबू हो सकते हैं, इसलिए कूटनीतिक रास्ते पर लौटना ज़रूरी है।

हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि सुरक्षा परिषद इस मसौदे पर वोटिंग कब कराएगी। कूटनीतिक सूत्रों का कहना है कि मसौदा पेश किया जा चुका है, लेकिन उसे पास होने के लिए कम से कम 9 सदस्यों का समर्थन चाहिए और साथ ही अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस या चीन द्वारा वीटो नहीं लगाया जाना चाहिए।

लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका इस प्रस्ताव का विरोध कर सकता है, जिससे इसकी राह मुश्किल हो सकती है।

क्या करेगा अब ईरान?

ईरान ने अमेरिका के हमले को लेकर बेहद सख्त प्रतिक्रिया दी है। तेहरान का कहना है कि अमेरिका ने हमारे परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर कूटनीति के सभी रास्तों को बंद करने का फैसला कर लिया है। अब यह तय करना ईरानी सेना का अधिकार होगा कि वह इस हमले का कब, कैसे और किस स्तर पर जवाब देगी।

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावानी ने बैठक में खुलकर अमेरिका की आलोचना करते हुए कहा, “हमने पहले ही चेतावनी दी थी कि अमेरिका इस खतरनाक रास्ते पर न चले। लेकिन अब जब हमला हो चुका है, तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारी सेना तय करेगी कि कब और कैसे जवाब दिया जाएगा। और यकीन मानिए, हम हर ज़रूरी कदम उठाएंगे – चाहे वो किसी भी स्तर पर क्यों न हो।”