यहाँ लिंग परिक्षण के लिए डॉक्टर की जरूरत नहीं, बल्कि पहाड़ बताता है इसके बारे में

वर्तमान समय में देश में लिंगानुपात का स्तर बहुत खराब हो चुका हैं जिसकी वजह से सरकार को कई कड़े कानून बनाने पड़े हैं। जिसमें से एक हैं लिंग परीक्षण करवाना, जो कि कानूनी अपराध है, फिर भी लोग लिंग परीक्षण करवाना चाहते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गाँव के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ लिंग परिक्षण के लिए किसी डॉक्टर की जरूरत नहीं, बल्कि एक पहाड़ लिंग परिक्षण करता हैं।

ये गाँव है झारखंड का खुखरा गांव, जहाँ एक पहाड़ी पर चांद का आकार बना हुआ हुआ है। कहा जाता है कि गर्भस्थ शिशु के लिंग का पता लगाने के लिए गर्भवती महिलाओं को एक निश्चित दूरी से इस चांद को निशाना बनाकर पत्थर फेंकती हैं। अगर ये पत्थर चाँद के आकार से टकराता है, तो महिला को लड़का होता है। अगर यह पत्थर चाँद के आकार से बाहर की ओर टकराता है, तो उसे कन्या रत्न प्राप्त होता है।

इस मान्यता के चलते इस पहाड़ को चाँद पहाड़ भी कहा जाता है। कहा जाता है कि अबतक जितनी महिलाओं ने इस मान्यता को परखा है, उनका जवाब बिलकुल सटीक आया है। आज भी महिलाऐं यहाँ आकर अपने गर्भस्त शिशु के लिंग का पता लगवाती हैं।

एक तरफ जहां मोदी जी 'बेटी बचाने' की सलाह दे रहे हैं वहीं देश में अभी भी ऐसी अन्धविश्वासी कुरीतियां विद्यमान हैं। आज के इस मशीनी युग में भी लोग ऐसी बातों पर यकीन करके उनका पालन कर रहे हैं। जब-जब ऐसी बाते उजागर होती हैं, तब-तब देश की तरक्की कई गुना पीछे चली जाती है। कैसे एक पहाड़ बता सकता है कि होने वाला बच्चा लड़का है या लड़की।