अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद लोगों में दहशत का माहौल है। सबसे ज्यादा दहशत महिलाओं में है। दरअसल, तालिबान शासन में महिलाओं के तमाम अधिकार छीन लिए जाते हैं। तालिबान के राज में कोई भी महिला बिना बुर्का पहने घर से बाहर नहीं निकल सकती है। भले ही वह 90 साल की बूढ़ी औरत हो या 9 साल की बच्ची। साल 2001 में जब अफगानिस्तान में तालिबान का शासन था, महिलाओं ने बहुत कुछ सहा। अब एक बार फिर तालिबान शासन में महिलाओं और लड़कियों को उनके द्वारा बनाए गए नियम और कानूनों के हिसाब से रहना होगा। कुछ दिनों पहले ही खबर आई थी कि तालिबान ने लश्कर गाह के नजदीक एक लड़की को बुर्का नहीं पहनकर बाहर निकलने के लिए गोली मार दी थी।
टाइट कपड़े से लेकर नेल पेंट लगाने तक पर रोक- महिलाएं सड़कों पर किसी भी करीबी रिश्तेदार के बगैर नहीं निकल सकतीं।
- महिलाओं को घर के बाहर निकलने पर बुर्का पहनना ही होगा।
- पुरुषों को महिलाओं के आने की आहट न सुनाई दे, इसलिए हाई हील्स नहीं पहनी जा सकती।
- सार्वजनिक जगह पर अजनबियों के सामने महिला की आवाज़ सुनाई नहीं देनी चाहिए।
- ग्राउंड फ्लोर के घरों में खिड़कियां पेंट होनी चाहिए, ताकि घर के अंदर की महिलाएं दिखाई न दें।
- महिलाएं घर की बालकनी या खिड़की पर दिखाई नहीं देनी चाहिए।
- महिलाएं अपनी तस्वीर नहीं खिंचवा सकती हैं, न ही उनकी तस्वीरें अखबारों, किताबों और घर में लगी हुई दिखनी चाहिए।
- महिला शब्द को किसी भी जगह के नाम से हटा दिया जाए।
- महिलाएं किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम का हिस्सा नहीं होनी चाहिए।
- महिलाएं नेल पेंट नहीं लगा सकती हैं, न ही वे मर्जी से शादी भी नहीं कर सकती है।