देखा जा रहा है कि धीरे-धीरे उत्तर भारत में सर्दी का प्रकोप कम होने लगा है और तापमान में इजाफा होने लगा है, जिसके चलते बहुत जल्दिन पंखों की जरूरत पड़ने वाली हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि भारत में 3 ब्लेड वाले पंखे काम में लिए जाते है जबकि दूसरे देशों में 4 ब्लेड वाले पंखे। जी हाँ, यह सच बात है लेकिन ऐसा क्यों होता है, आइये आज हम बताते हैं आपको इसकी बड़ी वजह के बारे में।
आमतौर पर हमारे घरों में इस्तेमाल होने पंखों में केवल तीन ही ब्लेड होते हैं, जबकि भारत में ऐसे भी कई घर हैं जहां दो और चार ब्लेड वाले पंखों का भी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि देश में ज्यादातर पंखों में केवल तीन ब्लेड ही क्यों होते हैं? अगर आपके पास इस सवाल का जवाब नहीं है तो हम आपको इसका जवाब देने जा रहे हैं।
भारत में तीन ब्लेड के पंखों की व्यापक मौजूदगी की एक नहीं बल्कि कई वजहें हैं। माना जाता है कि तीन ब्लेड वाले पंखे गरमी से मुकाबला करने में सबसे ज्यादा कामयाब होते हैं, जबकि चार ब्लेड वाले पंखे उन घरों में लगाए जाते हैं, जहां एसी को मुख्यतः इस्तेमाल किया जाता है।
जिन घरों में एसी मुख्य भूमिका में होते हैं वहां पंखों को एसी के सप्लीमेंट के तौर पर चलाया जाता है, ताकि वे एसी की ठंडक को पूरे कमरे में फैला सकें। इंग्लैंड, फिनलैंड, रूस, अमेरिका जैसे ठंडे देशों में इस्तेमाल किए जाने वाले पंखे मुख्य तौर पर 4 ब्लेड के होते हैं। इन देशों में पंखे की कोई खास जरूरत नहीं होती है।
तीन ब्लेड वाले पंखे चार ब्लेड वाले पंखों की तुलना में ज्यादा राहत पहुंचाते हैं। तीन ब्लेड वाले पंखों की कीमत भी कम होती है। तीन ब्लेड वाले पंखे चार ब्लेड वाली पंखों की तुलना में ज्यादा ठंडी और तेज हवा देते हैं। इसके अलावा इनका वजन भी कम होता है।