हर जानवर अपने अनोखे गुण के कारण जाना जाता हैं। जब भी कभी जानवरों में रंग बदलने की बात आती हैं तो सबसे पहला नाम गिरगिट का आता हैं। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको गिरगिट नहीं बल्कि एक मछली के बारे में बताने जा रहे हैं जो रंग बदल सकती हैं। हम बात कर रहे हैं दुर्लभ गोल्डन डेमॉन स्टिंगर मछली के बारे में जिसको वैज्ञानिक भाषा में इनिमिकस डिडैक्टाइलस कहते हैं। यह मछली जापान में एक्वेरियम में दिखाई दी है। इसका शिकार कोई बड़ी मछली या समुद्री जीव नहीं करता। इसके जहरीले कांटों की वजह से। अगर इसे कभी लगता है कि इसे खतरा है तब ये अपने-आप को छिपाकर डंक मारने का प्रयास करती है। यह मछली इतनी जहरीली होती है कि इसके डंक से इंसान या बड़ी मछलियों को थोड़ी देर के लिए बेहोश कर सकती है।
एक्वेरियम के कर्मचारियों का कहना है कि आमतौर पर इस मछली के शरीर का रंग ग्रे या रेत के रंग का होता है। यह खतरा महसूस होने पर या शिकार करने के लिए अपने शरीर का रंग पानी की तलहटी के हिसाब से बदल लेती है, लेकिन गोल्डेन रंग की मछली पहली बार देखी गई है। वैज्ञानिक इस मछली की जांच कर रहे हैं कि आखिर इसका रंग गोल्डेन क्यों हुआ। शुरुआती जांच-पड़ताल में वैज्ञानिकों का दावा है कि रंग बदलने के पीछे जीन में म्यूटेशन वजह हो सकती है लेकिन फिलहाल यह कह पाना संभव नहीं है।यह देखने में थोड़ी सी फूली हुई दिखती है, जैसे कोई पत्थर का टुकड़ा हो। इसकी सबसे खास बात इसका रंग बदलना है। इस अनोखी मछली की लंबाई 25 से 26 सेंटीमीटर तक बढ़ सकती हैं। डेमॉन स्टिंगर आमतौर पर रात में शिकार करती है। यह चुपचाप पानी की तलहटी में रेत खोदकर उसके अंदर छिपी रहती है। इसके शरीर पर चारों तरफ जहरीले कांटे होते हैं। यह देखने में थोड़ी सी फूली हुई दिखती है, जैसे कोई पत्थर का टुकड़ा हो। इसकी सबसे खास बात है इसका रंग बदलना यानी कैमोफ्लॉज।